नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) सीबीएसई के छात्र अब कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं में इतिहास की नई पुस्तकें पढ़ेंगे। इन छात्रों को इतिहास की पुस्तकों में अब मुगल साम्राज्य, दिल्ली दरबार, अकबरनामा, बादशाहनामा और कई राजनीतिक दलों के उदय की कहानियां पढ़ने को नहीं मिलेंगी। पाठ्यक्रम से मुगल दरबार और अन्य अध्यायों को हटाने पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस, सीपीएम, शिवसेना समेत (उद्धव गुट) के कई पार्टियों ने इस कदम का विरोध जताया है।
NCERT के पाठ्यक्रम को लेकर अभी क्या हुआ?
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) यानी एनसीईआरटी की ओर से कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं के लिए इतिहास की पुस्तकों का पाठ्यक्रम संशोधित किया गया है। इनमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों की घोषणा पिछले साल जून में ही कर दी गई थी लेकिन उत्तर प्रदेश ने इन बदलावों को लागू भी कर दिया है।
शैक्षिक सत्र 2023-24 की नई पुस्तकें भी ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध हो चुकी हैं। अपर मुख्य सचिव (बेसिक और माध्यमिक शिक्षा) दीपक कुमार ने कहा, ‘हम एनसीईआरटी की किताबों का अनुसरण करते हैं और संशोधित संस्करण में जो कुछ भी उपलब्ध है, उसे हम 2023-24 सत्र से राज्य के स्कूलों में लागू करेंगे।’
एनसीईआरटी ने कक्षा 10वीं, 11वीं, 12वीं की इतिहास की पुस्तकों से राजाओं और उनके इतिहास से संबंधित अध्यायों और विषयों को हटा दिया है। इसने शैक्षिक सत्र 2023-24 से इंटरमीडिएट में चलने वाली ‘आरोह भाग दो’ में कई परिवर्तन किए हैं।
इसमें फिराक गोरखपुरी गजल और ‘अंतरा भाग दो’ से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की ‘गीत गाने दो मुझे’ नहीं पढ़ सकेंगे। इसके अलावा विष्णु खरे की एक काम और सत्य को भी एनसीईआरटी ने ‘अंतरा भाग दो’ से हटा दिया है। ‘विद्यार्थी आरोह भाग दो’ में ‘चार्ली चैपलिन यानी हम सब’ को भी छात्र इस सत्र में नहीं पढ़ सकेंगे।
थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट-2 में हुए ज्यादा बदलाव
नए पाठ्यक्रम के तहत इतिहास की किताब थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट-2 से द मुगल कोर्ट्स (16वीं और 17वीं सदी) को हटा दिया गया है। इसी तरह, सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स, संस्कृतियों का टकराव और औद्योगिक क्रांति से संबंधित पाठों को भी कक्षा 11वीं की पाठ्यपुस्तक थीम्स इन वर्ल्ड हिस्ट्री से हटा दिया गया है।
इनमें कांग्रेस, सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के प्रभुत्व के बारे में बताया गया था। जबकि 10वीं कक्षा की किताब डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स-2 से लोकतंत्र और विविधता, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र की चुनौतियां जैसे पाठ भी हटा दिए गए हैं।
गुजरात दंगों के सभी संदर्भ हटाए
2002 के गुजरात दंगों के सभी संदर्भ सभी एनसीईआरटी सामाजिक विज्ञान पाठ्यपुस्तकों से हटा दिए गए हैं। उदाहरण के लिए, 12वीं कक्षा की वर्तमान राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के अंतिम अध्याय के दंगों पर दो पृष्ठ, जिसका शीर्षक है, पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस, को हटा दिया गया है। दूसरे पृष्ठ के एक खंड में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध ‘राज धर्म’ टिप्पणी को भी हटा दिया गया है। वहीं हिंदू चरमपंथियों की गांधी के प्रति नफरत,महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर लगे प्रतिबंध जैसी बातें भी हटा दी गई हैं।