प्रधानमंत्री ने गोवा में आयोजित 9वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद से सिर्फ इलाज ही नहीं होता बल्कि यह कल्याण को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि योग और आयुर्वेद दुनिया के लिए नई उम्मीद हैं। बावजूद इसके कि हमारे पास आयुर्वेद का परिणाम भी है और प्रभाव भी लेकिन प्रमाण के मामले में हम पिछड़ रहे थे और इसलिए आज हमें ‘डेटा बेस्ड एविडेंस’ का डॉक्युमेंटेशन करना है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गोवा, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, गाजियाबाद और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान, दिल्ली को राष्ट्र को समर्पित किया।
तीन आयुष संस्थान राष्ट्र को समर्पित
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 30 से अधिक देशों ने आयुर्वेद को एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता दी है, हमें अन्य देशों में भी आयुर्वेद को बढ़ावा देना है और ये तीनों संस्थान आयुष हेल्थकेयर सिस्टम को रफ़्तार देंगे। इस मौके पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा में प्रधानमंत्री ने आयुर्वेद को वैश्विक पहुंच दी है। बता दें इन संस्थानों को बनाने में लगभग 970 करोड़ रुपये की कुल लागत आयी है। इन संस्थानों के माध्यम से अस्पताल के बिस्तरों की संख्या 500 बढ़ जाएगी और छात्रों के प्रवेश में भी काफी वृद्धि होगी।
आयुर्वेद पूरी दुनिया की नयी उम्मीद
पीएम मोदी ने कहा कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस को अब पूरी दुनिया ग्लोबल फेस्टिवल के तौर पर मनाती है। इसका मतलब योग और आयुर्वेद आज पूरी मानवता के लिए एक नई उम्मीद बन गया है। उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए लंबे समय तक निरंतर काम करना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग समझते हैं कि आयुर्वेद सिर्फ इलाज के लिए है, मगर मेरा मानना है कि आयुर्वेद हमें जीवन जीने का तरीका सिखाता है आयुर्वेद हमें सिखाता है कि कम्प्यूटर रुपी शरीर के हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की तरह शरीर और मन में भी समन्वय रहना चाहिए, ताकि शरीर और मन दोनों स्वस्थ और प्रसन्न रह सकें.