तमाम दावों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में लक्षित हत्याओं का दौर जारी है. एक तरफ प्रधानमंत्री और देश के गृहमंत्री कश्मीर की समस्या को लेकर नेहरू को गुजरात में जाकर अपने चुनावी भाषणों में कोस रहे हैं और कश्मीर के पटरी पर आने के दावे कर रहे हैं वहीँ इस तरह की लक्षित हत्याएं उनके दावों का मज़ाक उड़ाती नज़र आती हैं. जानकारी के मुताबिक आतंकियों इस बार एक कश्मीरी पंडित को अपना निशाना बनाया। वारदात शोपियां ज़िले की है जहाँ एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट को आतंकियों ने गोली मार दी जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी. जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक इस हत्या की अबतक किसी भी आतंकी संगठन ने ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
आतंकियों द्वारा पूरन कृष्ण भट को उस वक्त गोली मारी गयी जब वह शोपियां के चौधरी गुंड में बाग लगाने जा रहे थे. उन्हें इलाज के लिए फ़ौरन अस्पताल पहुँचाया गया मगर उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस के मुताबिकपूरे इलाके को घेर लिया गया है और सर्च ऑपरेशन जारी है. बीते 12 मई को बड़गाम जिले में आतंकियों ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी राहुल भट्ट को ऑफिस में घुसकर अपना निशाना बनाया था. फिर 31 मई को कुलगाम में एक महिला टीचर रजनीबाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. रजनी गोपालपोरा हाई स्कूल में टीचर थीं. उनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.
आतंकियों ने इसके बाद 2 जून को आतंकियों ने राजस्थान के रहने वाले एक बैंक मैनेजर विजय कुमार पर कुलगाम में फायरिंग की थी. हमले में बैंक मैनेजर की मौत हो गई. हालाँकि सुरक्षाबलों की सक्रियता से टारगेट किलिंग की घटनाओं में कमी ज़रूर आयी है, इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकियों को मौत के घाट उतरा गया है मगर बीच बीच आतंकियों द्वारा लक्षित हत्याएं जारी रखना कहीं न कहीं यह बताता है कि कश्मीर के हालात वो नहीं हैं जिनका सरकार दावा कर रही है.