केजरीवाल सरकार द्वारा राजनीतिक सरकारी विज्ञापन छपवाने पर आये खर्च की वसूली अब आम आदमी पार्टी से की जाएगी। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश दिए हैं. निर्देश में मुख्य सचिव से कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने जो राजनीतिक विज्ञापन सरकारी विज्ञापन के तौर पर दिए उसके लिए 97 करोड़ रुपये वसूले जांय. एलजी का यह निर्देश 2015 के सुप्रीम कोर्ट, 2016 के दिल्ली हाईकोर्ट और 2016 के सीसीआरजीए के आदेश के मद्देनजर आया है.
कब का है यह मामला
बता दें कि साल 2015 में केजरीवाल सरकार ने अपने कामों का और फैसलों का प्रचार शुरू किया. मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से दिए जाने वाले विज्ञापन को लेकर एक आदेश जारी किया जिसके आधार पर अप्रैल 2016 में एक 3 सदस्यीय कंटेंट रेगुलेशन कमेटी बनी. अगस्त 2016 में दिल्ली सरकार बनाम LG मामले में दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट झटका लगा. केजरीवाल सरकार ने जितने भी विज्ञापन दिए उन सभी को उस कंटेंट रेगुलेशन कमेटी को रेफर कर दिया गया. समिति ने आरोप लगाया कि ₹97 करोड़ के जो विज्ञापन दिए गए थे, वे नियम के मुताबिक नहीं थे, इनको राजनीतिक विज्ञापन कहा गया और आम आदमी पार्टी से ₹97 करोड़ वसूल करने के आदेश दिए गए.
खोज कर निकाले जा रहे हैं पुराने मामले
बता दें कि यह मामला पूर्व LG नजीब जंग के समय का है. मौजूदा LG विनय कुमार सक्सेना अब पुराने मामले खोज खोज कर निकाल रहे हैं. मालूम हो कि केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाती रही है। आये दिन एलजी वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी के बीच लगातार तनातनी की खबरें सामने आती रही हैं। वैसे ये तनातनी पूर्व एलजी अनिल बैजल के समय से चली आ रही है। बता दें कि आप सरकार भाजपा पर आरोप लगाती रहती है कि LG के ज़रिये वो दिल्ली की सरकार को चलाना चाहती है.