संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए के सभी घटक दलों ने नरेंद्र मोदी को अपना संसदीय दल का नेता चुना। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. कहा जा रहा है कि 9 जून को नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
सरकार बनाने का दावा पेश करने गए नरेंद्र मोदी के साथ चिराग पासवान समेत एनडीए के 15 से ज्यादा नेता मौजूद थे। मोदी के साथ राष्ट्रपति भवन जाने वाले उसके घटक दलों के नेताओं में राजनाथ सिंह, अमित शाह, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, प्रफुल्ल पटेल, सुदेश महतो, अनुप्रिया पटेल, एचडी कुमारस्वामी और चिराग पासवान शामिल थे।
इससे पहले संसद के सेंट्रल हाल में NDA की बैठक हुई जिसमें राजनाथ सिंह ने NDA संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा था जिस पर घटक दलों के नेताओं ने सहमति जताई।
संसद के सेंट्रल हॉल में मोदी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर विपक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि नतीजों के बाद हमने पूछा था कि ईवीएम जिंदा है या मर गई। 4 जून को लोकतंत्र को घेरने की तैयारी थी। अब पांच साल तक ईवीएम की आवाज नहीं सुनाई देगी। विपक्ष निराश होकर मैदान में उतरा था। मोदी ने कहा कि 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। मोदी ने आगे कहा कि हम सुशासन का नया अध्याय लिखेंगे। विकसित भारत के सपने को साकार करेंगे। देश को सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर भरोसा है। आज जब देश को एनडीए पर इतना अटूट भरोसा और विश्वास है, तो स्वाभाविक है कि देश की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी और मैं इसे अच्छा मानता हूं। मैंने पहले भी कहा था कि पिछले 10 साल का काम तो बस एक ट्रेलर है और यह मेरी प्रतिबद्धता है।