भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ रहा है, स्पिन के लिए मददगार पिचों पर भारतीय बल्लेबाज़ों का सामना करने के लिए ऑस्ट्रेलिया भी अपने स्पिनर्स पर ही भरोसा कर रही है, पिछले दो टेस्ट मैचों में उसने अपने पेस आक्रमण का नाम मात्र ही इस्तेमाल किया यहाँ तक दिल्ली टेस्ट में सिर्फ कप्तान पैट कमिंस ही अकेले पेसर थे जिन्होंने दूसरी पारी में एक भी गेंद नहीं डाली, हालाँकि भारत की पारी छोटे लक्ष्य के बावजूद शुरू में लड़खड़ाई थी. ऑस्ट्रेलिया की जहाँ तक बात है तो गेंदबाज़ी में उसका मज़बूत पक्ष हमेशा तेज़ गेंदबाज़ी ही रही है.
तेज़ गेंदबाज़ी ऑस्ट्रेलिया का मज़बूत पक्ष
ऑस्ट्रेलिया की बुरी हालत को देखते हुए पूर्व तेज़ गेंदबाज़ माइकल कास्प्रोविच ने ऑस्ट्रेलियन मैनेजमेंट को सलाह दी है कि उसे अपने तेज़ गेंदबाज़ों पर ही भरोसा करना चाहिए, स्पिनर्स के सहारे ऑस्ट्रेलिया भारत को मात नहीं दे सकती। पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने कहा कि इंदौर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को तीन पेसर्स के साथ उतरना चाहिए। भारतीय बल्लेबाज़ स्पिन खेलने में माहिर हैं. माइकल कास्प्रोविच ने कहा कि पैट कमिंस और हेज़लवुड की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया को मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड और कैमरून ग्रीन के साथ मैदान में उतरना चाहिए। कास्प्रोविच ने कहा कि हर टीम को अपने मज़बूत पक्ष के साथ ही मैदान में उतरना चाहिए।
लाबुषाने, ट्रेविस हेड पूरी कर सकते हैं एक स्पिनर की कमी
कास्प्रोविच ने कहा कि बोलैंड को भले ही नागपुर टेस्ट में कोई विकेट नहीं मिला लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ों ने उन्हें ही सबसे ज़्यादा सम्मान के साथ खेला। वो एक सिरे से रन गति को रोकने की क्षमता रखते हैं ऐसे में दूसरे सिरे स्टार्क और ग्रीन के पास विकेट निकालने के मौके रहेंगे. उन्होंने कहा कि टीम में दो स्पिनर्स पर्याप्त है, वैसे भी ज़रुरत पड़ने पर लाबुषाने और ट्रेविस हेड भी गेंदबाज़ी कर सकते हैं. उन्होंने कहा पहले टेस्ट में टॉड मरफी की कामयाबी की वजह बोलैंड ही थे क्योंकि भारतीय बल्लेबाज़ बोलैंड के खिलाफ खामोश थे और मर्फी पर रन के लिए जा रहे थे जिसकी वजह से उन्हें सात विकेट मिले. वैसे उम्मीद यही जताई जा रही है कि ऑस्ट्रेलिया तीन पेसर के साथ कल मैदान में उतरेगी.