मेरठ। पश्चिमी उप्र और मेरठ में बढ़ते नशे के कारोबार पर नकेल कसने के लिए मेरठ में जिला मुख्यालय स्तर पर नारकोटिक्स थाना स्थापित किया जाएगा। इसी के साथ ही एंटी नाकोटिक्स टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा। मेरठ जिला मुख्यालय पर थाना शासन से मंजूर हो गया है। एक सप्ताह के भीतर ही यह तैयार होगा। शासन से डीएम दीपक मीणा को थाने के भवन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने थाने के लिए कलक्ट्रेट के अलावा पुलिस लाइंस और एमडीए की बिल्डिंग का अवलोकन किया है।
माना जा रहा है एक सप्ताह में थाने के लिए भवन पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इन नारकोटिक्स थाने में मेरठ रेंज के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के मामलों का निस्तारण किया जाएगा। पश्चिमी उप्र और मेरठ में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए ही प्रदेश सरकार ने जिला स्तर पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के गठन को भी हरी झंडी दी है। मेरठ में पुलिस लाइन में एएनटीएफ का दफ्तर बनाया है। जिसका प्रभार सीओ रैंक के अधिकारी को सौंपा है।
नारकोटिक्स थाने पुलिस अपर पुलिस महानिदेशक अपराध के अधीन काम करेंगे। इसी के साथ मेरठ रेंज के जिले इससे संबद्ध होंगे। नारकोटिक्स थाना पुलिस लाइंस, कलक्ट्रेट और एमडीए परिसर किसी में भी बनाया जा सकेगा। थाने को मादक पदार्थों के कारोबार में लिप्त अपराधियों, माफिया और गिरोह के विरुद्ध जांच, माल सीज करने और विवेचना का अधिकार होगा।
नारकोटिक्स थाना में तैनात कर्मचारी और अधिकारी यूपी पुलिस एसटीएफ की तर्ज पर काम करेगी। यह फोर्स नशे के अवैध कारोबार से जुड़े अपराधियों को चिह्नित कर उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने और आरोपियों की गिरफ्तार के लिए काम करेगा। थाने के स्टाफ की नियुक्ति के लिए पुलिस महकमे से ही स्टाफ को नारकोटिक्स थाने में शिफ्ट किया जाएगा।
नारकोटिक्स पुलिस का दायित्व मादक पदार्थ तस्करी पर अंकुश लगाना होगा। इसी के साथ मादक पदार्थों की मांग कम करने को संबंधित एजेंसियों से समन्वय स्थापित करना होगा।
रेंज में हो रही वैध अफीम की खेती पर निरंतर नजर रखना। मादक पदार्थों का सेवन करने से रोकने के लिए जनजागरुकता अभियान चलाना होगा।