मेरठ। मेरठ रेंज पूरे तीन साल आईजी के पद पर रहते हुए आईपीएस प्रवीण कुमार ने कई मौके पर सूझबूझ का परिचय दिया। आईजी प्रवीण कुमार को शासन ने अयोध्या का आईजी नियुक्त किया है। प्रवीण कुमार की जगह आईपीएस नचिकेता झा को मेरठ रेंज का आईजी बनाया है। नचिकेता झा इस समय आगरा रेंज आईजी के पद पर हैं। शासन ने शनिवार देर रात आठ आईपीएस के तबादले कर दिए।
2020 से मेरठ आईजी के पद पर थे प्रवीण कुमार
मेरठ रेंज आईजी प्रवीण कुमार को केंद्र सरकार के प्रतिनियुक्ति पैनल में सूचीबद्ध किया था। उसके बाद से उनको प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के कयास लग रहे थे। प्रवीण कुमार 2001 बैच के आईपीएस हैं। उनको 17 जनवरी, 2020 को मेरठ रेंज आईजी के पद पर नियुक्त किया था। इससे पहले वह 2012 और 2013 के बीच मुजफ्फरनगर और नोएडा के एसएसपी रह चुके हैं। नचिकेता झा 2003 बैच के आईपीएस हैं। नचिकेता मूल रूप से रांची के रहने वाले हैं।
कई मौके पर आईपीएस प्रवीण कुमार ने निभाई जिम्मेदारी
कृषि कानून रद्द कराने को लेकर किसानों का 14 महीने चला आंदोलन जोन और रेंज के अधिकारियों के लिए काफी चुनौती पूर्ण था। 14 महीनों तक चले किसान आंदोलन में कानून व्यवस्था बनाने में मेरठ आईजी प्रवीण कुमार ने बड़ी भूमिका निभाई थी। आंदोलन के दौरान आईजी प्रवीण कुमार ने गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाला हुआ था।
पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार तेज तर्रार अधिकारी होने के साथ साहित्यकार भी हैं। उन्होंने कुछ समय पहले ‘एक और मन’ किताब लिखी थी। जिसके लिए उन्हें हिंदी संस्थान विजयदेव नारायण साही पुरस्कार से सम्मानित किया था। इस किताब को लिखने से पहले उन्होंने हिंदी, संस्कृत, उर्दू भाषा को अच्छी तरह से जाना था। आईजी की इस किताब को काफी पसंद किया गया था।
कोरोना काल और सीएए हिंसा चुनौती
आईजी प्रवीण कुमार ने मेरठ रेंज की कमान जनवरी 2020 को संभाली। दो महीने बाद कोविड के चलते लॉकडाउन लगा था। इसी के बाद किसान आंदोलन सहित कई बड़े मामलों में उन्होंने चुनौती स्वीकार करते हुए कानून व्यवस्था को बनाए रखा। सीएए के विरोध में हिंसा के बाद कानून व्यवस्था का पालन कराना और किसान आंदोलन सहित कई मामले आईजी प्रवीण कुमार ने सूझबूझ से निपटाए।