मेरठ। नायरा कंपनी के पेट्रोल पंपों पर घटतौली और मिलावट के खेल में पुलिस कठघरे में है। एफआइआर में आटोमेशन सिस्टम केस डायरी से गायब कर दिया गया है। ब्रहमपुरी पुलिस की विवेचना में झोल के बाद एसपी क्राइम ने विवेचक से जवाब तलब किए हैं। नवंबर में एसटीएफ ने ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के मैसर्स सालासर पंप माधवपुरम में छापा मारकर घटतौली और मिलावट पेट्रोल पकड़ा पंप पर मदरबोर्ड और आटोमेशन सिस्टम लगाकर यह धंधा चल रहा था। मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर विष्णु कौशिक कर रहे हैं। पहले केस डायरी से चिप गायब कर दी थी। जो पंपों की मशीनों से बरामद हो गई है।
आरोपियों को लाभ देने के लिए पुलिस ने किया खेल
इसके बाद जांच में आया कि आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए केस डायरी से आटोमशन सिस्टम को ही गायब कर दिया हैं। नायरा कंपनी को भेजा नोटिस चिप और आटोमेशन सिस्टम कर जांच के लिए नायरा कंपनी के इंजीनियरों को ही पुलिस ने नोटिस भेजकर बुलाया है। ताकि मशीनों के बारें में एक्सपर्ट मे पुलिस पूरी जानकारी ले सकें। सीओ शुचित सिंह ने बताया कि पत्र भेजा जा चुका है। पुलिस अब सभी चारों मुकदमों में तेजी से कार्रवाई कर चार्जशीट तैयार कर रही है।
आरोपियों को भेजे नोटिस
परतापुर के मैसर्स चंद्रप्रकाश एंड संस पेट्रोल पंप के स्वामी ऐश्वर्य गुप्ता निवासी -ए 130 ट्रांपोर्टनगर, मैसर्स सिद्धबली फिलिंग स्टेशन, ग्राम दरियापुर में पंप स्वामी राजेन्द्र प्रसाद गोयल और मैसर्स रायल फिलिंग स्टेशन सैनी इंचौली के मालिक सीमा गुप्ता पत्नी राकेश गुप्ता निवासी मोहनपुरी को भी पुलिस की तरफ से नोटिस भेजा रहा है। उनसे पूछा जा रहा है कि पंप में अतिरिक्त तेल कहां से आया था।