दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, आम आदमी पार्टी ने 15 साल से काबिज़ भाजपा को सत्ता से हटा दिया है, उसे 250 में 134 सीटों पर जीत हासिल हुई, जिसका मतलब उसे पूर्ण बहुमत हासिल हो गया है, वही भारतीय जनता पार्टी 104 सीटें जीतकर सत्ता से बाहर हो चुकी है, कांग्रेस पार्टी को सिर्फ 9 सीटों पर संतोष करना पड़ा है वहीँ तीन निर्दलीय भी कामयाब हुए हैं. चुनाव आयोग के जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार वोट कटुवा पार्टियों को दिल्ली की जनता ने पूरी तरह नकार दिया है ओवैसी की AIMIM जो वोट कटुवा पार्टी के रूप में काफी मशहूर है 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे मगर उसे किसी पर भी कामयाबी नहीं मिली।
बसपा ने उतारे थे 132 उम्मीदवार
बहन जी की बसपा की पोजीशन भी दिल्ली में एक वोट काटने वाली पार्टी जैसी ही है, इसबार बसपा ने 132 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई. एनसीपी ने 26 और नितीश कुमार की JDU ने भी 22 सीटों पर किस्मत आज़माई लेकिन निराशा ही हाथ लगी, इसके अलावा आज़ाद उम्मीदवार के रूप में 382 लोगों ने भाग्य आज़माया लेकिन कामयाबी सिर्फ तीन लोगों को ही मिली। भाजपा और आप ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतरे थे जबकि कांग्रेस 247 सीटों पर चुनाव लड़ा था, बता दें कि पिछले चुनाव में कांग्रेस को 30 सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह इसबार भाजपा और AAP में सीधा मुकाबला था और दिल्ली की जनता ने भी इन्हीं दोनों पार्टियों में अपना विशवास जताया।
पिछली बार AAP को मिली थीं सिर्फ 48 सीटें
बता दें कि 2007 से एमसीडी में भाजपा का राज है। पिछले नगर निगम चुनाव में 270 वार्ड थे जिसमें से उसे 181 पर जीत हासिल हुई थी। आम आदमी पार्टी को तब 48 सीटें मिली थी हालाँकि दिल्ली में उसी की सरकार थी. केंद्र की मोदी सरकार ने इस बार दिल्ली के तीनों नगर निगमों का एकीकरण कर दिया जिसके बाद नए परिसीमन में वार्डों की संख्या 250 कर दी गयी. नए परिसीमन के बाद ये नगर निगम का पहला चुनाव है.