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Congress: अपनी रणनीति में सफल हुए खरगे तो कांग्रेस में आएगी नई जान,आने वाले दो साल अग्निपरीक्षा के

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नई दिल्ली। खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस को कितना फायदा मिलेगा। यह तो भविष्य बताएगा। लेकिन संगठन की कमान संभालते ही खरगे ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया। सियासी जानकारों की माने तो खरगे इसमें सफल हुए तो कांग्रेस में नई जान आ सकती है।
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी और पीसीसी सदस्य अभिमन्यु त्यागी का कहना है कि हमने अपनी गलतियों से सीख ली है और अब आगे बढ़ रहे हैं। राहुल गांधी के साथ पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस को एक नया रूप देने जा रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा काफी सफल हो रही है। जिस तरह से राहुल और कांग्रेस को लोगों का प्यार मिल रहा है, उससे साफ है कि आने वाले समय में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर होगा। राहुल गांधी से इतर मल्लिकार्जुन खरगे नए मिशन की तरफ आगे बढ़ेंगे। दक्षिण भारत के दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाले खरगे देशभर में दलितों, पिछड़ों, किसानों और अल्पसंख्यकों की लड़ाई लड़ेंगे। खरगे इस दौरान दो वर्ग को खासतौर पर पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे।

खरगे खुद दलित हैं। ऐसे में वह बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष देशभर के दलित, आदिवासी, बौद्ध वर्ग को कांग्रेस से जोड़ने का काम करेंगे। देश की करीब 25 प्रतिशत से अधिक आबादी एससी-एसटी वर्ग में आती है। अगर ये कांग्रेस के साथ जुड़ जाते हैं तो 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुत बड़ा लाभ हो सकता है।

वहीं दूसरी ओर दलित वोटर के साथ खरगे अल्पसंख्यक वर्ग को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे। इसमें सबसे अधिक फोकस मुसलमानों और सिखों पर होगा। दलित-मुस्लिम गठजोड़ राष्ट्रीय स्तर पर बना तो इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिलेगा। खरगे मुस्लिम मतदाताओं को ये समझाने की कोशिश करेंगे कि देश में अकेले कांग्रेस ही भाजपा का मुकाबला करने में सक्षम है। दलित और मुसलमान मिलकर भाजपा के विजय रथ को रोक सकते हैं।

अगले दो साल में मल्लिकार्जुन खरगे के सामने 19 राज्यों के विधानसभा और देश में लोकसभा चुनाव की चुनौती भी होगी। इनमें राजस्थान भी है। जहां कांग्रेस की सरकार है। इस सरकार को बचाने की चुनौती खरगे के कंधों पर होगी। इसके साथ खरगे के गृह राज्य कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होना है। कर्नाटक के चुनाव कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा। इन्हीं चुनावों के माध्यम से खरगे की काबिलियत का आंकलन होगा।

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