मालदीव में हुए चुनाव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस दो तिहाई बहुमत के साथ शानदार जीत हासिल की है, माना जा रहा है कि मुइज्जू का दोबारा सरकार में आना भारत के लिए एक बड़ा झटका है. मुइज्जू को चीन का समर्थक बताया जाता है. 93 सदस्यीय सदन के लिए हुए हुए चुनावों में से मुइज्जू की पार्टी अबतक 66 सीटें हासिल कर चुकी है, अभी सात सीटों के नतीजे नहीं आये हैं. संसद में अभी तक विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 44 संसद थे. दो तिहाई बहुमत के साथ मुइज्जू के लिए अब नए कानून बनाने में दिक्कतें नहीं आएँगी।
पीपुल्स नेशनल कांग्रेस की इतनी भारी जीत का मतलब ये भी लगाया जा रहा कि मालदीव के लोगों का रुझान अब चीन की तरफ हो रहा है. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के प्रॉक्सी के रूप में चुने गए माइज़्ज़ु ने राष्ट्रपति बनते ही देश की “इंडिया फर्स्ट” नीति को खत्म करने का वादा किया था और उसपर अमल भी शुरू कर दिया था, यही वजह थी कि भारत और मालद्वीव के रिश्तों काफी खटास आ गयी थी। माइज़्ज़ु सरकार के कई मंत्रियों के प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बयान के बाद तो हालात और भी खराब हो गए थे, यहाँ तक कि पर्यटन उद्योग से जुडी सभी एजेंसियों ने मालद्वीव की सभी बुकिंग निरस्त कर दी थी और मालद्वीव के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगा था. मालद्वीव ने इसकी भरपाई चीन से की थीं. चीन अपने टूरिस्टों कप मालद्वीव जाने की सलाह दी थी.
माइज़्ज़ु सरकार को दो तिहाई बहुमत मिलने का मतलब भारत के साथ उसके रिश्ते आगे और खराब होने वाले हैं. राष्ट्रपति माइज़्ज़ु को अपने अब अपने हिसाब से कानून बनाने की छोट मिलेगी और उन कानूनों को संसद में पास कराने में भी अब आसानी होगी। कहा जा रहा है कि माइज़्ज़ु को अब अपने देश की “इंडिया फर्स्ट” नीति को ख़त्म करने में कोई समस्या नहीं होगी। भारत के लिए माइज़्ज़ु की जीत उसके डिप्लोमेटिक रिश्तों पर निश्चित रूप से असर डालेगी.