Site icon Buziness Bytes Hindi

Mainpuri By Election: सियासत बचाने को लेकर भूले गिले-शिकवे, एक मंच पर अखिलेश और शिवपाल के आने की यह है असल कहानी

Akhilesh Yadav Aur Shivpal Yadav

सियासी परिवार को बचाने के लिये चाचा-भतीजे में गठजोड़, जानें असल कहानी

इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति का माहौल थोड़ा गर्म है, क्योंकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव सारे गिले-शिकवे मिटाकर एक हो गये हैं। वहीं इसकी वजह जानकर आप भी थोड़ा हैरान होंगे क्योंकि सियासी संकट ने उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर दिया है, जिससे वह दोनों फिर से नजदीक आ गये हैं।

बता दें कि नेताजी के जाने के बाद समाजवादी परिवार के पास विरासत बचाने का संकट तो आया ही इसके साथ ही सियासत को बचाये रखने की चुनौती सामने आयी। वहीं जब यह संकट सबने खुली आँखों से देखा तो चाचा-भतीजे के रिश्ते में पड़ी बर्फ पिघलने लगी, जहाँ अब वह एक साथ होकर मैनपुरी सीट को फतह करने निकले हैं। बता दें कि चाचा शिवपाल सपा से विधायक होते हुये भी वह सपा की विधायक दल की बैठक में न बुलाये जाने का खेद प्रगट करते रहें हैं, लेकिन कल के दिन ने सब बदल दिया।

बात ये हुई कि कल चुनाव प्रचार का आगाज करने से पहले अखिलेश यादव चाचा शिवपाल के पास पहुँचे और उन्हें मनाया। बात अब बहु की थी तो चाचा ने सब भुला दिया और मैनपुरी से चुनाव प्रचार का शंखनाद करने पहुँचे। वहीं जसवंतनगर में शिवपाल काफी मजबूत नेता माने जाते हैं, ऐसे में अखिलेश यादव का उनका साथ लेना मजबूरी भी बन गयी।

दूसरी ओर अखिलेश यादव इस बात को भी जानते हैं कि अगर चाचा का आशीर्वाद अब नहीं मिला तो बीजेपी उनके एक एक दुर्ग को ढ़हा देगी, क्योंकि रामपुर और आजमगढ़ में वह पहले ही हार चुके हैं।

Exit mobile version