पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की बेदर्दी से हत्या करने वाले अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज की ‘अज्ञात हमलावरों’ ने लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी. अमीर सरफराज ने सरबजीत की हत्या ISI के इशारे पर की थी. बता दें कि पंजाब के सरबजीत सिंह को पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था. जानकारी के मुताबिक सरबजीत के हत्यारे को उस समय मारा गया जब वो लाहौर में एक बाज़ार में कुछ खरीदारी कर रहा था तभी अज्ञात हमलावरों ने उस पर फायरिंग झोंक दी और फरार हो गए.
सरबजीत सिंह 30 अगस्त 1990 को पाकिस्तान की सीमा में गिरफ्तार किया गया था, बताया गया था कि वह अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे. सरबजीत को पाकिस्तान की सेना ने गिरफ्तार किया था और उसपर जासूसी के आरोप लगाए थे. बाद में पाक सेना ने सरबजीत को लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाके का आरोपी बना दिया गया गया. इसके बाद सरबजीत को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. सरबजीत को रिहा कराने के लिए उनकी बहन ने एक लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी थी और ये मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चित हो गया था. बाद में पता चला कि लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों ने सरबजीत पर हमला कर दिया है और वो गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है. हालाँकि सरबजीत की मौत उसी दिन हो चुकी थी मगर पाकिस्तान ने काफी दिनों तक सरबजीत की मौत के मामले को दबाये रखा। चूँकि सरबजीत का मामला एक अंतराष्ट्रीय मामला बन चुका था तो पाकिस्तान को सरबजीत की मौत की घोषणा करना पड़ी और उसे ब्रेन डेड बताया गया.
बाद में ये बात सामने आयी कि ISI के इशारे पर सरबजीत की लाहौर जेल में हत्या की गयी थी, क्योंकि सरबजीत सिंह की रिहाई का मामला तूल पकड़ गया था और ISI को लगने लगा था कि दबाव के कारण उसे सरबजीत को छोड़ना पड़ सकता है। ISI ने इसकी ज़िम्मेदारी लाहौर जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन अमीर सरफराज को सौंपी थी. बताया गया था कि अमीर सरफ़राज़ ने पॉलीथिन से सरबजीत का चेहरा ढककर दम घोटकर उसकी हत्या की थी.