Chandra Grahan 2023: कार्तिक मास पूर्णिमा पर चंदग्रहण पड़ेगा। शनिवार को चंद्रग्रहण होने के कारण इसको शनिवारीय ग्रहण भी कहा जा रहा है। यह साल का अंतिम चंदग्रहण है। कार्तिक मास की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण 28 अक्तूबर को रात्रि 01:05 बजे से प्रारम्भ होकर रात्रि 02:24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ग्रहण का मध्य व चरम काल 01:44 मिनट पर होगा।
चन्द्र ग्रहण सूतक शाम को 04:05 बजे से प्रारम्भ हो जायेगा क्योंकि सूतक 9 घंटे पूर्व लग जाता है। इसके अतिरिक्त ग्रहण की उपछाया भी महत्वपूर्ण होती है जोकि रात में 11:30 से प्रारंभ होकर 03:58 मिनट तक प्रभावी रहेगीं पंडित भारत भूषण के अनुसार चंद्र ग्रहण सूतक का प्रभाव पृथ्वी के उन्हीं क्षेत्र में होगा जिस क्षेत्र में ग्रहण को देखा जा सकेगा। ग्रहण की छाया पृथ्वी के जिस-जिस क्षेत्र में पड़ रही होगी वहीं ग्रहण का प्रभाव होता है पृथ्वी के अन्य भागों पर नहीं।
ग्रहण की कुप्रभावी रेडिएशन से कुशा व गेरू जैसे पदार्थ रक्षा करते हैं
ग्रहण से पहले मंदिरों के कपाट शाम को 04:05 बजे पर सूतक लगते ही बंद हो जायेंगे। ग्रहण का प्रभाव समाप्त करने के लिए खाद्य व पेय पदार्थों में गंगाजल, तुलसी डालने से हानिकारक ग्रहण के कुप्रभाव कम हो जाते हैं। इसी के साथ ध्यान रखें ग्रहण सूतक काल में तेज धारदार चाकू आदि से कोई फल, सब्जी ना काटें अन्यथा उस खाद्य पदार्थ में नकारात्मक ऊर्जाओं की तीखी हानिकारक तरंगें प्रवेश कर सकती हैं।
ग्रहण की कुप्रभावी रेडिएशन से कुशा व गेरू जैसे पदार्थ रक्षा करते हैं।
गज केसरी योग में रेवती नक्षत्र प्रारंभ होने पर सिद्धि योग में ग्रहण
चन्द्र ग्रहण गज केसरी योग में, रेवती नक्षत्र में प्रारंभ होकर मेष राशि, आगे अश्विनी, भरणी नक्षत्र में तथा वज्र योग, सिद्धि योग में पड़ रहा है इसलिए जो लोग मेष राशि व अश्विनी, भरणी नक्षत्र में जन्म लिये हैं उन्हें विशेष रूप से ग्रहण के कुप्रभावों से बचने के सभी साधन व दान, जप अवश्य करने चाहिए।
जो लोग शाम को 04:05 बजे से ही सूतक के नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं वे सभी रात्रि 11:30 बजे से रात्रि 03:58 बजे तक सूतक नियमों का पालन अवश्य करें।
इन राशियों पर ग्रहण का प्रभाव
यह ग्रहण मेष, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के लिए कुप्रभावी बताया जा रहा है। जबकि वृष के लिए सामान्य, सिंह, कन्या व कुम्भ के लिए मध्यम तथा मिथुन, तुला, धनु, और मकर राशि के लिए श्रेष्ठ फलदायी रहेगा।
ग्रहण में दान करें ये पदार्थ
इस बार ग्रह योगों की स्थिति अनुसार खाद्य पदार्थ, कपड़ों का दान जरूरतमंदों का करना लाभकारी होता ही है पर इस ग्रहण के विशेष दान के पदार्थ हैं – एक नारियल, चार सौ ग्राम बदाम, आठ सौ ग्राम काली उड़द और आधा लीटर सरसों का तेल मात्रा कम ज्यादा भी हो सकती है तथा मेष राशि के लिए विशेष दान पदार्थ हैं- लाल मसूर, शहद, गुड़, सौंफ आदि।
ग्रहण से पूर्व चन्द्रमा को बल देने के लिए जपें ”ऊँ सोम सोमाय नमः“ तथा ग्रहण काल में ग्रहण लगाने वाले केतु का बीज मंत्र जपें ”ऊँ केम केतुवे नमः“ तथा ग्रहण उतरने के बाद पुनः चन्द्रमा का मंत्र ”ऊँ सोम सोमाय नमः“ जपें तथा चन्द्रमा को कच्चे दूध में शुद्ध गंगाजल आदि मिला कर मिश्री घोल कर चावलों सहित चन्द्रमा को अर्घ्य दें।