हिंदु धर्म में जल को देवता का दर्जा दिया गया है। यही वजह है कि भारत में नदियों को मां का संबोधन दिया जाता है। माना जाता है कि जल में इतनी ऊर्जा होती है कि वह मनुष्यों की शारीरिक समस्यों को हर लेता है। कोई भी व्यक्ति लंबे समय से यदि बीमार रहता है तो उसे किसी विशेष कुंड या नदी में ले जाकर स्नान भी कराया जाता है। कई सारे लोग स्वस्थ भी हो जाते हैं। वैसे तो जल के सभी स्रोतों को उपचारक माना गया है लेकिन भारत में कुछ जल स्रोत ऐसे हैं, जहां पर लोग विशेषकर शारीरिक और मानसिक विकारों को दूर करने के लिए ही जाते हैं। आइए जानते हैं वे कौन से जलकुंड और सरोवर हैं, जहां नहाने से मनुष्य हो जाता है स्वस्थ।
भीमकुंड

मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित ये कुंड भारत के सबसे रहस्यमयी जल स्त्रोतों में से एक है| कहा जाता है कि यह कुंड महाभारत काल से यहाँ मौजूद है और इसकी गहराई आज तक भी कोई नहीं माप पाया | कई महानुभव इस काम में असफल हो चुके हैं | जनश्रुति है कि भीमकुंड में विशेषकर सकर संक्रांति को लगाई हुई एक डुबकी स्वास्थ्य तो सुधारती ही है, आपके पाप भी धो देती है |
पुष्कर सरोवर

राजस्थान के पुष्कर में स्थित इस सरोवर की ख्याति प्राचीन काल से ही है। स्थानीय लोगों का ये मानना है कि इस पवित्र झील में डुबकी लगाने से सारे पाप धुलते हैं और शारीरिक बीमारियां भी दूर हो जाती हैं | कई लोगों का दावा है कि यहाँ लगाई एक डुबकी से कैंसर का इलाज भी होता है।
सहस्त्रधारा

सहस्त्रधारा का झरना मशहूर हिल स्टेशन देहरादून से मात्र 20 कि.मी. दूर है। यह लंबे समय से लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है | यहाँ के स्थानीय लोगों का मानना है कि इस झरने के पानी में सल्फर की मात्रा अधिक होने से केवल एक डुबकी ना सिर्फ़ आपकी शारीरिक बीमारियों को ठीक कर सकती है बल्कि आपको मानसिक स्तर में भी सुधार कर सकती है | कई लोग यहां नहाकर ठीक भी हुए हैं।
गंगनानी

ये छोटा-सा गाँव प्रसिद्ध गंगोत्री रूट पर पड़ता है जिसकी वजह से आते गंगोत्री जाने वाले श्रद्धालु यहां गरम पानी में डुबकी लगा लेते हैं | बहुत से लोगों का मानना है कि गंगोत्री जाने से पहले यहां डुबकी लगाना जरूरी है। ऐसा करने से गंगोत्री की चढ़ाई करना आसान हो जाता है, साथ ही शारीरिक विकार भी दूर होते हैं|