‘जीवेत शरद: शतम्’ यानी सौ साल जीने का आशीर्वाद पूरा होता है यहां


6 ब्लू जोन है जहां रहने वाले लोगों की एवरेज ऐज बाकि दुनिया में रहने वाले लोगों से ज्यादा है
पेस और पोउलेन ने अमरीकी पत्रकार डैन ब्यूटेनर के साथ मिल कर इन छह जगहों के बारे में किताब लिखी है
शिवांगी श्रीवास्तव
कोविड-19 ही क्यों बहुत सी ऐसी बीमारी है जिनकी काली छाया आने पर लोग जहां अपनी जान गवां रहे हैं.अब आपके जेहन में प्रश्न होगा कि जीवेत शरद: शतम् यानी सौ साल जीने का आशीर्वाद क्या इस दौर पर काम नहीं करता. क्या हम 100 साल नहीं जी सकते जिंदगी तो इतनी खूबसूरत है. आज बिजनेस बाइट्स आपको बताने जा रहा है कि दुनिया में एक द्वीप ऐसा भी है जहां लोग 100 वर्षों से ज्यादा जीते हैं.
कौन सा द्वीप है जहां लोग शतायु होते हैं?
मध्य अमरीकी देश कोस्टारिका का निकोया, इटली का सार्डीनिया, यूनान का इकारिया, जापान का ओकिनावा और अमरीका के कैलिफोर्निया राज्य का लोम्बा लिंडा. ये दुनिया के वो छह इलाके हैं जिन्हें वैज्ञानिक ‘ब्लू जोन’ कहते हैं. जहां के रहने वालों की औसत उम्र बाक़ी दुनिया से कहीं ज़्यादा है. इन छह जगहों पर रहने वालों के सौ साल की उम्र तक पहुंचने की संभावना ज्यादा होती है.इन इलाकों को ब्लू जोन सबसे पहले इटली के महामारी विशेषज्ञ गियान्नी पेस और बेल्जियम के आबादी विशेषज्ञ माइकल पोउलेन ने कहा था. उसके बाद पेस और पोउलेन ने अमरीकी पत्रकार डैन ब्यूटेनर के साथ मिल कर इन छह जगहों के बारे में किताब भी लिखी.
सिर्फ 80 फीसदी पेट भरते
डैन ब्यूटेनर ने अपनी किताब के लिए रिसर्च के दौरान पाया कि ब्लू ज़ोन कहे जाने वाले इलाक़ों में रहने वालों की जिंदगी में कई खूबियां हैं.पहली चीज तो है खानपान. ब्लू जोन इलाकों में रहने वाले लोग कम खाते हैं. जैसे कि, जापान के ओकिनावा में लोग अस्सी परसेंट पेट भरने के बाद खाना बंद कर देते हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि अगर हम दस परसेंट कैलोरी कम ले लेते हैं, तो इससे उम्र बढ़ने की रफ़्तार धीमी हो जाती है.हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जीन विशेषज्ञ डी. गोविंदराजू कहते हैं कि कम खाना खाने से हमारे डीएनए में नुकसानदेह परिवर्तन नहीं होते.
शाकाहारी को तरजीह
दूसरी बात ये है कि ब्लू ज़ोन वाले इलाकों में लोग शाकाहारी खाने को तरजीह देते हैं. इससे भी उनके मेटाबॉलिज्म यानी खाना पचाने की क्षमता पर सकारात्मक असर पड़ता है.अन्य खूबियां भी है. जैसे कि ग्रीस के इकारिया द्वीप के लोग दिन में कई बार चाय या कॉफी पीते हैं. जानकार कहते हैं कि दिन में इन गर्म पेय पदार्थों के कुछ प्याले दिल की बीमारियों से दूर रखते हैं. क्योंकि इनमें कई छोटे छोटे पोषक तत्व जैसे कि मैग्नीशियम, पोटैशियम, नियासिन और विटामिन ई पाए जाते हैं.इन पेय पदार्थों की मदद से टाइप-2 डायबिटीज से भी बचा जा सकता है. इससे आपकी खाना पचाने की क्षमता बेहतर होती है. अगर इसमें कम कैलोरी वाला खाना, फलों और सब्ज़ियों की ख़ुराक को जोड़ दें, तो एक आदर्श खान पान का चार्ट तैयार दिखता है.