- 9 दिन सूर्य भगवान लेंगे परीक्षा
- 25 से 2 जून तक भीषण तपेगी धरती
न्यूज़ डेस्क – नौतपा सोमवार से शुरू हो गए हैं. अब 2 जून तक पृथ्वी खूब तपेगी. टेम्प्रेचर बढ़ने से गर्मी अपने विकराल रूप में होगी.कहा जाता है कि नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर आती हैं, जिस कारण तापमान बढ़ता चला जाता है. ज्योतिष शास्त्र अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चन्द्रमा और देवता ब्रह्मा हैं. सूर्य ताप तेज का प्रतीक है जबकि चन्द्र शीतलता का. सूर्य जब चन्द्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है तो इससे उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव में ले लेता है. जिस कारण पृथ्वी को चंद्र से मिलने वाली शीतलता प्राप्त नहीं हो पाती. इस कारण इस दौरान पृथ्वी का ताप अधिक बढ़ जाता है.
क्यों कहा जाता है नौतपा?
ज्योतिष के विद्धानों के मुताबिक, 27 नक्षत्रों में गोचर करते हुए सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तब नौतपा प्रारंभ होता है. यह अवसर प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में आता है. यह संपूर्ण गोचर वैसे तो 15 दिन का होता है, लेकिन इसके प्रारंभिक नौ दिन सबसे महत्वपूर्ण और पृथ्वी का ताप बढ़ाने वाले होते हैं. इसलिए इसे नौतपा कहा जाता है.सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में आ जाता है और नौतपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है.
नौतपा पर मान्यताएं
मान्यताओं के अनुसार, नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं. क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने से तेज गर्मी से राहत मिलती है.इन दिनों में पानी खूब पिया जाता है और जल दान भी किया जाता है ताकि पानी की कमी से लोग बीमार न हो. इस तेज गर्मी से बचने के लिए दही, मक्खन और दूध का उपयोग ज्यादा किया जाता है. नारियल पानी और ठंडक देने वाली दूसरी और भी चीजें का सेवन किया जाता है.