Ankita Bhandari murder case: आज 18 सितंबर को ऋषिकेश में हुए अंकिता भंड़ारी हत्याकांड को एक साल पूरा हो गया है। इन एक साल में अंकिता के माता पिता की आंखों के आंसू भी नहीं सूखे। उनको बस न्याय की आस है। एक साल पहले आज के दिन पौड़ी की बेटी अंकिता का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। अंकिता को उसी के रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने नहर में धक्का देकर मौत नींद सुला दिया था। अंकिता का जब पता नहीं चला तो स्थानीय लोगों ने उसकी तलाश करने को पुलिस पर दबाव बनाया। उसके बाद पूरे क्षेत्र में प्रदर्शन शुरू कर दिया।
तीन दिन बाद 21 सितंबर को मुकदमा उत्तराखंड पुलिस के हाथ
शुरुआत में मामला राजस्व पुलिस के हाथ में होने के कारण पटवारियों ने जितना टालना चाहा उसको टाल दिया। लेकिन तीन दिन बाद 21 सितंबर को मुकदमा उत्तराखंड पुलिस के हाथ में चला गया। लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच शुरू की और दूसरे दिन पुलिस ने भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य, सौरभ और अंकित को हिरासत में ले लिया।
अंकिता की लाश चीला बैराज से बरामद हो गई थी
पूछताछ में पता चला कि पुलकित से अंकिता का चीला नहर के पास झगड़ा हुआ था। इस बीच अंकिता ने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंका था। इस पर गुस्साए पुलकित ने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया। हत्या का पता चलने के तीन दिन बाद भी अंकिता की लाश नहीं मिली थी। इसके तीन दिन बाद 24 सितंबर को अंकिता की लाश चीला बैराज से बरामद हो गई थी। इसके बाद तमाम गुत्थियां सुलझती चली गई। पता चला कि पुलकित ने एक साजिश के तहत अंकिता की हत्या की। इसके बाद मामले को एसआईटी को सौंप दिया गया।
अंकिता पर वीआईपी को विशेष सर्विस देने का दबाव
दो दिन बाद अंकिता के दोस्त पुष्प की एक चैट अंकिता के साथ की वायरल हुई। इसमें पता चला कि पुलकित अंकिता पर वीआईपी को विशेष सर्विस देने का दबाव बनाता था। इसलिए अंकिता परेशान थी। अंकिता ने इसके लिए कई बार विरोध किया था। उसने यह बात अपने दोस्त पुष्प को बताई थी। अंकिता जब नहीं मानी तो पुलकित अपने इन दोस्तों के साथ अंकिता को ऋषिकेश ले गया। इसके बाद रास्ते में चीला मार्ग नहर किनारे उसे धक्का देकर हत्या कर दी गई।
फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई
इस मामले में सरकार के आदेश से फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई शुरू हुई। पुलिस ने चार्जशीट में 97 गवाह बनाए। इनमे से अब तक 19 गवाहों की गवाही कोर्ट में हुई है। इस दौरान गवाहों ने कोर्ट के सामने बहुत से नए तथ्यों को उजागर किया है। अंकिता भंड़ारी की हत्या के बाद पूरे उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन हुए थे। कई जगह विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भी झड़पें हुई थी।