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संतो के अखाड़ा परंपरा में पुरुषों को चुनौती देगा महाशक्ति अखाड़ा

उत्तराखंडसंतो के अखाड़ा परंपरा में पुरुषों को चुनौती देगा महाशक्ति अखाड़ा

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हरिद्वार – सनातन धर्म के ध्वज वाहक कहे जाने वाले अखाड़ों की परंपरा में अब एक और अखाड़ा जुड़ने जा रहा है.अभी तक सन्यासियों और बैरागी के 13 अखाड़े अस्तित्व में थे. महाकाल मानव सेवा ने महिला साध्वियो के लिए 14वे अखाड़े की घोषणा की. हर की पौड़ी पर महिला साध्वीयो को मूलभूत सुविधाएं देने और उनकी समस्याएं हल करने के उद्देश्य से इस अखाड़े का गठन किया गया है.महाशक्ति साध्वी नाम के इस अखाड़े की अध्यक्ष साध्वी कंचन गिरि को चुना गया है. जबकि जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर सरोजिनी गिरी इस अखाड़े का महासचिव होंगी. बड़ा सवाल यह है कि पुरुष वर्चस्व वाले अखाड़ों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद इस अखाड़े को मान्यता देता है या नहीं.

Mahashakti Akhara

आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा आदिकाल में सनातन धर्म की रक्षा के लिए नागा सन्यासियों का आवाहन किया गया था इन नागा सन्यासियों के समूह को अखाड़ों की संज्ञा दी गई थी प्राचीन काल में इन अखाड़ों ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए कई बड़े युद्ध भी लड़े नागा सन्यासियों को अघोषित स्वतंत्रता सेनानी भी कहा जाता है अखाड़ों के इस परंपरा में नया नाम जोड़े जाने की तैयारी की जा रही है मकर संक्रांति के मौके पर हर की पौड़ी से नए महिला साध्वी यों के महाशक्ति साध्वी अखाड़े की घोषणा की गई. पुरुष प्रधान अखाड़ों की परंपरा में महिला साधुओं को अधिकार और न्याय दिलाने के उद्देश्य से इसका गठन किया गया है. अखाड़े की अध्यक्ष साध्वी कंचन गिरी ने कहा साध्वियों की सुरक्षा, रक्षा और संरक्षण अखाड़े द्वारा दिया जाएगापहले जितने भी साध्वियों के अखाड़े बने हैं वह सफल नहीं रहे है लेकिन हमारे द्वारा मकर सक्रांति पर यह संकल्प लिया गया की मातृशक्ति और महिला सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे.

अखाड़ा परंपरा में पुरुष प्रथा को चुनौती

जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर और साध्वी अखाड़े की महासचिव सरोजिनी गिरी ने कहा कि अखाड़ों में पुरुष प्रथा चली आ रही है जहां महिलाओं को उचित पद नहीं दिया जाता तो वहीं महिलाओं की समस्याओं को सुना भी नहीं जाता है उन्होंने कहा कि अखाड़ों में सिर्फ और सिर्फ एक तरफा पुरुषों का राज है इसी को देखते हुए महिलाओं के 14वे अखाड़े की घोषणा की है.

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