देहरादून उत्तराखंड में पूर्व विधायकों का सप्तम हूं अभी तक नहीं छूट रहा है भले ही उन्हें जनता ने नकार दिया लेकिन अभी भी वह सरकारी सुविधाएं लेने के लिए एकजुट हो रहे हैं जिसके लिए पूर्व विधायकों ने एक समिति का गठन किया है. राजनीतिक लोगों का यह है गैर राजनीतिक संगठन बनाने का दावा है. दिसंबर में पूर्व विधायक ओमकारा सम्मेलन देहरादून में आयोजित कराने की रणनीति है 35 विधायकों के साथ शुरू हुई है समिति उत्तराखंड के सभी 148 विधायकों को साथ लेने का दावा कर रही है.
उत्तराखंड में राजनीतिक लोगों को सत्ता और सत्ता सुख भोगने और पदों पर बने रहने की लालसा कम होने का नाम नहीं ले रही है उत्तराखंड के पूर्व विधायक इसके लिए एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री लखीराम जोशी के नेतृत्व में पूर्व विधायकों ने अपनी समिति का गठन किया है. संगठन के बैनर तले विधायकों की मांग न केवल सरकारी सुविधा देने की है बल्कि आयोग और बोर्ड के पदों पर भी नियुक्ति किए जाने की है. विधायकों ने पेंशन और बिना ब्याज के लोन दिए जाने की व्यवस्था करने की भी मांग की है. जिसको लेकर पूर्व विधायकों की समिति में विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी से मुलाकात कर अपना मांग पत्र सौंपा.
रिटायर्ड अधिकारियों की पुनः नियुक्ति नहीं मंजूर
पूर्व विधायक संगठन के अध्यक्ष जोशी ने राज्य में सेवानिवृत्ति के बाद अफसरों को पुनर्नियुक्ति पर सवाल खड़ा किया है. लखीराम जोशी ने कहा उत्तराखंड में गलत परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. उन्होंने कहा एक तरफ तो पूर्व विधायकों की राय को दरकिनार कर दिया जाता है. जबकि जो अधिकारी अपने कार्यकाल में सही काम नहीं कर पाते, उन्हें रिटायर होने के बाद भी सरकार पुनर नियुक्ति प्रदान कर रही है जो पूरी तरह से गलत है.