देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर से टिहरी जिला घनसाली क्षेत्र के चिरबाटिया के ऊपर बादल ने की सूचना मिली है। बादल फटने से अभी तक जनहानि की कोई अधिक जानकारी नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि बादल फटने से खेतों को भारी नुकसान तो पहुंचा ही है साथ की बाकी नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बादल फटने की पुष्टि करते हुए राहत और बचाव कार्य को शुरू करवाने की बात कही है। बुधवार आज सुबह चिरबाटिया के ऊपर बादल फटने की जानकारी मिली है। जिससे मूलगढ़-थार्ती मार्ग थार्ती के पास बंद हो गया। बताया जाता है कि मूलगढ़ क्षेत्र के ऊपर बादल फटा। जिससे कृषि भूमि को अधिक नुकसान पहुंचा है। नरेन्द्रनगर के पास मलबा और बोल्डर आने से ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे यातायात बंद हो गया है। चार दिन बाद बीती रात को हाईवे यातायात के लिए खुल पाया था। वहीं राजधानी देहरादून के पास मालदेवता क्षेत्र में आई आपदा के बाद जिला प्रशासन ने जूनियर हाईस्कूल मालदेवता में राहत केंद्र बनाया है। जहां सरखेत और आसपास के 12 से अधिक परिवार निवास कर रहे हैं। राहत केंद्र में जिला प्रशासन की तरफ से भोजन, रहने और स्वास्थ्य की पूरी व्यवस्था की गई है। लेकिन यहां रह रहे लोग अभी सदमे और दहशत में हैं।
राहत केंद्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि गत 19 अगस्त की वह काली रात को याद कर रूह कांप जाती है। मकान, खेत सब कुछ आपदा की भेंट चढ़ने का दुख हैं लेकिन वह इसके लिए भगवान का शुक्रगुजार कर रहे हैं कि उनकी जान बच गई है।
राहत केंद्र में परिवार के साथ सरखेत निवासी कांति पंवार ने बताया कि 19 अगस्त की काली रात उनके जेहन से नहीं जा रही। भले वह सुरक्षित हैं, लेकिन रात याद करके रूह कांप रही है। बताया कि जब प्रलय आई तो परिवार के सदस्य सोए हुए थे।
लेकिन जब उन्हें पता लगा कि आफत करीब पहुंच चुकी है तो किसी तरह से परिवार और आसपास के परिवारों ने अपनी जान बचाई।