देहरादून- सुप्रीम कोर्ट ने भी माना उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से हुई भर्तियां गलत थी. लेकिन उत्तराखंड सरकार के लिए इन भर्तियों को अंजाम देने वाले अभी भी गलत नजर नहीं आ रहे हैं. पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए स्पीकर के भर्ती निरस्त करने के फैसले को सही बताया. लेकिन भर्ती करने वाले नेता पर सीएम ने कुछ नहीं कहा. बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विपक्ष से उस समय के स्पीकर मौजूदा समय में सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने की मांग तेज हो गई है. आपको बता दें कि 2016 से 2000 के बीच विधानसभा में बैक डोर से नियुक्तियों का मामला प्रकाश में आने के बाद विधानसभा स्पीकर रितु खंडूरी ने इन नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था.
उत्तराखंड हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों को निरस्त करने वाले फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. उत्तराखंड सरकार ने एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए खुद की पीठ थपथपानी ने शुरू कर दी है. तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड में अवैध तरीके से भर्ती करने वालों पर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा के सवाल खड़े किए हैं.
भ्रष्टाचार का पेड़ लगाने वाले का संरक्षण क्यों?
राज्य आंदोलनकारी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए है. इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों की याचिका खारिज कर यह साफ कर दिया है कि नियुक्तियां नियम के विरुद्ध हुई थी. उत्तराखंड हाईकोर्ट की डबल बेंच के बाद उच्चतम न्यायालय के फैसले ने विधानसभा की नियुक्तियों में धांधली की बात पर मुहर लगा दी है. इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि भ्रष्टाचार का फल पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई और भ्रष्टाचार का पेड़ लगाने वालों का संरक्षण यह सरकार कर रही है.
सीएम थपथपा रहे अपनी पीठ
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड सरकार ने अपनी ही पीठ थपथपा ने शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने कहा की अनियमितता की बात सामने आने पर विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई करने का अनुरोध किया था. जिसके बाद अनियमितता सही पाए जाने पर भर्तियों को निरस्त कर दिया गया था. सीएम धामी के जारी बयान में कहा गया कि प्रदेश के युवाओं के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. सभी रिक्त पदों पर सही समय पर पूरी पारदर्शिता के साथ नियुक्तियां की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग को सभी भर्तियों की जिम्मेदारी दे दी गई है. आयोग ने भर्ती कैलेंडर जारी कर भर्तियों की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है.