हरिद्वार- देश भर में बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री हर किसी के लिए चर्चा का विषय बने हुए हैं. सभी लोग यह जानने को आतुर है कि क्या हकीकत में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham Controversy) अपने इष्ट देव से बात करते हैं या फिर यह केवल पब्लिसिटी स्टंट है. हालांकि बागेश्वर धाम का दावा है कि वह अपने इष्ट देव से बात करते हैं. लेकिन धर्म नगरी हरिद्वार के संतो को बागेश्वर धाम सरकार के इन दावों के बीच सनातन धर्म के खिलाफ किसी षड्यंत्र की बू आ रही है. वहीं कुछ संतो ने उन्हें सलाह दी कि वह चढ़ावे में आकर किसी को कुछ साबित करने की कोशिश ना करें। संतो की अलग-अलग राय के बीच बागेश्वर धाम के दावों को लेकर कई तरह की सवाल खड़े होते दिखाई दे रहे हैं जिनका जवाब शायद वक्त के पास हो.
चमत्कार नहीं विद्या है
बागेश्वर धाम सरकार को लेकर धर्मनगरी हरिद्वार के संतों की अलग-अलग रायशुमारी देखने को मिल रही है अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी बागेश्वर धाम सरकार के बारे में बात करने से पहले अपने बचपन का एक किस्सा बताते हैं उन्होंने बताया कि उनके बचपन में भी एक ऐसी ही घटना घटी थी. उनके गांव में एक व्यक्ति आया और उसने एक आने में उनके सारे परिजनों के नाम बता दिए थे. इसे आप विद्या कहे या फिर कोई चमत्कार यह तो मैं अब तक नहीं समझ पाया. हठयोगी ने देश के लोगों की आस्था से जोड़ते हुए इसे भीड़ तंत्र का एक जरिया बताया उन्होंने कहा कि यह चमत्कार नहीं एक विद्या है.
संतो की सलाह
धीरेंद्र शास्त्री को सलाह देते हुए संतो ने उन्हें किसी के चढ़ावे में ना आकर कुछ भी साबित ना करने की सलाह दी काली सेना के परम अध्यक्ष आनंद स्वरूप ने कहा कि आप इस तरह से किसी के चढ़ावे में आकर सनातन धर्म को किसी को भी साबित ना करें स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि भारत देश में हम सभी को भगवान मानते हैं चाहे वह कोई पशु ही क्यों ना हो.
धर्म विरोधी मुहिम
वही प्राचीन अवधूत मंडल के श्री महंत और महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने बताया कि भारत साधु-संतों का देश है जिसमें कई संत एकांत में अपने इष्ट देव से बात करते हैं लेकिन प्रचार प्रसार नहीं करते कुछ ऐसे हैं जो केवल प्रचार प्रसार करते हैं उन्होंने कहा इस स्थिति में इन दिनों जो बागेश्वर धाम सरकार का विषय बना हुआ है यह कुछ लोगों द्वारा धर्म विरोधी मुहिम चलाई गई है.