कल की विनाशकारी गिरावट के बाद हफ्ते के आखरी कारोबारी दिन, शुक्रवार को भारतीय शेयर बाज़ार एक और बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ, सेंसेक्स 82000 का स्तर तोड़ चूका है वहीँ निफ़्टी 25000 के करीब जाकर बंद हुआ, हालाँकि इंट्राडे में उसने 25 हज़ार का स्तर तोडा भी था. सेंसेक्स और निफ़्टी सुबह गिरावट के साथ खुला ज़रूर था मगर थोड़ी देर बाद उसमें तेज़ी आ गयी थी और सेंसेक्स दोपहर के समय 600 अंक ऊपर चढ़ चूका था मगर तभी ईरान के सर्वोच्च नेता के शुक्रवार की नमाज़ में दिए गए बयान की खबर सामने आने के बाद बाजार का माहौल बिगड़ गया और फिर तेज़ी गायब होती चली और अंत में सेंसेक्स की क्लोजिंग 800 अंक नीचे जाकर हुई जिसका मतलब ऊपरी स्तर से आज भी 1400 अंक का सेंसेक्स ने गोता लगाया। कुछ इसी तरह का हाल निफ़्टी का भी रहा मगर किसी तरह बाजार बंद होने से पहले उसने 25 हज़ार के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर आने में सफलता हासिल की.
आज लगभग 1522 शेयरों में तेजी आई, 2266 शेयरों में गिरावट आई और 101 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। एनएसई पर एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया, बीपीसीएल, एशियन पेंट्स सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल रहे, जबकि इंफोसिस, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, विप्रो, एचडीएफसी लाइफ में बढ़त दर्ज की गई। पीएसयू बैंक और आईटी को छोड़कर, अन्य सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए, जिसमें ऑटो, एफएमसीजी, रियल्टी, पावर, मीडिया, टेलीकॉम, ऑयल एंड गैस इंडेक्स में 1-2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट आई।
मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष को लेकर चिंताओं ने शीर्ष तेल उत्पादक क्षेत्र से कच्चे तेल की आपूर्ति में संभावित व्यवधान की आशंकाओं को बढ़ा दिया है, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं – ऐसी स्थिति जो भारत जैसे शुद्ध आयातकों को प्रभावित करती है। अक्टूबर में अब तक ब्रेंट क्रूड वायदा 9 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गया है। इस बीच, एफआईआई हाल ही में चीन द्वारा किए गए प्रोत्साहन उपायों के बाद वहां धन भेज रहे हैं। पिछले तीन दिनों में एफआईआई ने नकद बाजार में 30,614 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।