केरल में 30 जुलाई को आई कुदरत की तबाही में अबतक 308 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, अभी भी लापता लोगों की तलाश जारी है, इधर चार दिन बाद एक करिश्मा हुआ और मलबे में 30 जुलाई से दबे चार लोगों को रेस्क्यू टीम ने ज़िंदा बाहर निकाला जिसके बाद अभी उम्मीद है कि कुछ और लोग भी ज़िंदा बचाये जा सकते हैं।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को वायनाड में हुए भूस्खलन में 308 लोगों की मौत की पुष्टि है। मेप्पाडी क्षेत्र के चूरलमाला और मुंडक्कई में बचाव और राहत अभियान जारी है, जहां भूस्खलन ने तबाही मचाई थी। मंत्री जॉर्ज ने कहा कि अब तक 195 शव और 113 शवों के अंग बरामद किए गए हैं। भारतीय सेना ने आज सुबह 190 फीट लंबा बेली ब्रिज नागरिक प्रशासन को सौंप दिया, जो भूस्खलन से अलग-थलग पड़े चूरलमाला और मुंडक्कई क्षेत्रों को जोड़ने वाली इरुवंजिपुझा नदी पर बनाया गया था। रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हाई अर्थ मूवमेंट उपकरणों को दूसरी तरफ स्थानांतरित कर दिया गया है।
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और नागरिक प्रशासन द्वारा समन्वित बचाव और राहत अभियान कई स्थानों पर चल रहे हैं, जिससे फंसे हुए लोगों को जल्दी से जल्दी निकाला जा सके और बुनियादी सुविधाओं और चिकित्सा सहायता का प्रावधान हो सके।
वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को प्रभावित स्थलों का दौरा किया। उन्होंने वायनाड में आश्रय शिविरों में लोगों से भी मुलाकात की। कांग्रेस नेता शुक्रवार को भी वायनाड में ही रुके रहे।