- बॉलिवुड सिंगर कनिका कपूर नहीं कर सकेंगी डोनेट
- किसी डोनर से प्लाजमा लेने के बाद माइनस 60 डिग्री पर, 1 साल तक स्टोर किया जा सकता है
बॉलिवुड सिंगर कनिका कपूर ने हाल ही कोरोना से जंग लड़ी है. उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि उन्होंने कोरोना से दूसरे पेशंट्स की मदद करने के लिए अपना प्लाज्मा देने पर सहमति जताई थी. लेकिन कमजोर एंटीबॉडी वाला प्लाज्मा होने की वजह से उनके शरीर से प्लाजमा नहीं लिया जाएगा. गौरतलब है कि कनिका कपूर के खिलाफ सरोजनी नगर थाने में दूसरों की जान खतरें में डालने सहित आईपीसी की धारा 188,269 और 270 के तहत केस दर्ज किया गया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने लंदन से आने के बाद खुद को क्वारंटीन नहीं किया और मुंबई से लेकर लखनऊ और फिर कानपुर में पार्टी करती रहीं. कोरोना संक्रमित होने से उनके साथ ही अन्य लोगों की भी जांच का खतरा उत्पन्न हो गया. हालांकि, उनकी पार्टी में शामिल होने वाले कई लोगों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था.
लंबे समय बाद लिखी फेसबुक पोस्ट
लंबे समय तक चुप रहने के बाद फेसबुक पर लिखी पोस्ट के जरिये दो दिन पहले वह सामने आयी. सोमवार को उन्होंने कहा था कि वह कोरोना मरीजों की मदद के लिये प्लाज्मा डोनेट करना चाहती हैं. लेकिन मंगलवार को उनकी इस मंशा को झटका लगा है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि कनिका का प्लाजमा कोरोना से लड़ने में कारगर नहीं है. इसके अलावा उनके प्लाज्मा की एंटी बॉडीज इस रोग से लड़ने में सक्षम नहीं है. केजीएमयू ने सोमवार को बॉलिवुड गायिका का ब्लड सैंपल लिया था.हालांकि सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी मिली है कि अभी भी कुछ रिपोर्ट्स आना बाकी है.
क्या होती है प्लाजमा थैरेपी?
हमारे ब्ल्ड में रेड, व्हाइट ब्लड सेल, प्लेटलेट्स और प्लाजमा होता है. प्लाजमा वह तरल हिस्सा होता है जिसके माध्यम से एंटीबॉडी हमारे शरीद में घूमते रहते हैं.कोरोना की चपेट में आने के बाद ठीक हुए लोगों के खून में एंटीबॉडीज बन जाती हैं, जो संक्रमण को हराने में मदद करती हैं.प्लाज्मा थेरेपी में यही एंटीबॉडीज, प्लाज्मा डोनर यानी संक्रमण को मात दे चुके व्यक्ति के खून से निकालकर संक्रमित व्यक्ति के शरीर में डाला जाता है. डोनर और संक्रमित का ब्लड ग्रुप एक होना चाहिए. प्लाज्मा चढ़ाने का काम विशेषज्ञों की निगरानी में किया जाता है.
200 मिलीग्राम एक बार में चढ़ाते हैं
कोरोना संक्रमण से ठीक हुआ व्यक्ति भी क्वारंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद प्लाज्मा डोनर बन सकता है. एक डोनर के खून से निकाले गए प्लाज्मा से दो व्यक्तियों का इलाज किया जा सकता है. एक बार में 200 मिलीग्राम प्लाजमा चढ़ाते हैं. दिल्ली में इसी थेरेपी से एक 49 वर्षीय संक्रमित तुलनात्मक रूप से जल्दी ठीक हो गया.