टिहरी गढ़वाल- अगर आप शहर की भीड़भाड़ और टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर पर्यटकों के शोर-शराबे से दूर प्रकृति की गोद में छुट्टियों का आनंद लेना चाहते हैं तो “कानाताल” (Kanatal Hill Station) आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन साबित हो सकता है. कानाताल की प्राकृतिक खूबसूरती में घूमने का आनंद आप शायद ही भूल पाए. यहां खूबसूरत फूल के बगीचे, सुहाना मौसम और फिर उस पर ट्रैकिंग का रोमांच, नेचर लवर को बार-बार आने पर विवश करता है. टिहरी जिले के चंबा और मसूरी के बीच में स्थित यह छोटा सा गांव आज एक आकर्षक हिल स्टेशन के रूप में अपनी पहचान बना रहा है. अगर आप इस वीकेंड पर शहर की भीड़भाड़ से दूर प्रकृति के साथ कुछ समय बिताना चाहते हैं तो ‘कानाताल’ घूमने का प्लान अवश्य बनाएं.
सूखी झील ने दिया नया नाम
समुद्र तल से करीब 8500 फीट की ऊंचाई पर स्थित कानाताल एक छोटा सा गांव है. जहां फूलों के बगीचे, सेब के पेड़ और हरे-भरे जंगल आपके स्वागत के लिए तैयार हैं. ‘कानाताल’ गांव में प्राचीन काल में एक झील हुआ करती थी. जब यह झील सूख गई तो लोग इस झील को ‘काना’ ताल कहने लगे. इसी के नाम पर इस इलाके का नाम “कानाताल” पड़ गया. आज कानाताल मैं पर्यटक प्रकृति की गोद में एकांतवास और ट्रैकिंग का आनंद लेने पहुंचते हैं. यहां से आप देहरादून, टिहरी, मसूरी, चंबा जैसे हिल स्टेशनों के साथ-साथ प्रसिद्ध सुरकंडा मंदिर के दर्शन भी आसानी से कर सकते हैं.
कोडिया की रोमांचक ट्रैकिंग
‘कानाताल’ आने वाले पर्यटकों के लिए कोरिया के जंगल की ट्रैकिंग एक रोमांचक सफर है. ‘कानाताल’ चंबा रोड से करीब 2 किलोमीटर दूर मौजूद कोडिया के जंगल में लोग ट्रैकिंग करने के लिए आते हैं. अगर आप फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं तो यह ट्रैक आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है. इस ट्रैक पर आपको कस्तूरी मृग, काकड़, जंगली सूअर, और हिमालय पक्षी की कई प्रजाति देखने को मिल सकते हैं. 6 किलोमीटर लंबे ट्रैक मैं आपको देवदार के पेड़ों की अलग ही खुशबू का एहसास होता है.
तो अगर आप उत्तराखंड आने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको एक बार अनदेखे हिल स्टेशन का विजिट जरूर करना चाहिए. हम दावे से कह सकते हैं हिमालय की घाटियों के अद्भुत नजारे आपको यहां बार-बार आने पर विवश करेंगे.