पिछले विधानसभा चुनाव में एक साथ नज़र आने वाले दो लड़के अब अलग हो चुके है और दोनों ही एक दूसरे पर छींटकशी कर रहे हैं। शुरुआत INDIA से NDA में पहुंचे जयंत चौधरी ने की और अब उसपर पलटवार अखिलेश यादव की तरफ से आया है. जयंत चौधरी ने सपा में उम्मीदवारों के बदलाव पर निशाना साधा था और कहा था कि वहां 24 घंटे के लिए जिसे टिकट मिल जाय वो नसीबवाला है. अब अखिलेश ने जयंत का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा है और कहा कि पश्चिमी यूपी की चुनावी रैलियों के मंचों पर जगह न पाने वाले जिस तरह अपमान का घूँट पी रहे हैं उससे तो यही लगता है कि भाजपा के साथ हुआ गठबंधन अब गांठबन्धन बन चूका है।
बता दें कि मेरठ और सहारनपुर में हुई प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैलियों में जयंत चौधरी को कोई भाव नहीं दिया गया. साफ़ देखा गया कि प्रधानमंत्री मोदी जयंत को नज़र अंदाज़ कर रहे हैं. यहाँ तक कि प्रधानमंत्री ने मंच पर जयंत के लिए काफी दूर कुर्सी लगवाई और रालोद प्रमुख से हाथ तक नहीं मिलाया और न ही बड़ी वाली माला में जगह मिली। जयंत चौधरी की इस उपेक्षा से पश्चिमी यूपी में ये बात भी गयी कि मोदी जी को मालूम है कि जाट वोटों पर भी जयंत चौधरी का कोई ख़ास असर नहीं है. जयंत चौधरी को NDA में शामिल करना दरअसल यूपी में INDIA गठबंधन को कमज़ोर करना था वरना मोदी जी को जयंत की कोई ज़रुरत नहीं थी.
इस पूरे मामले पर अखिलेश यादव ने जयंत पर प्रहार करते हुए कहा कि वेस्ट यूपी में जिस तरह संयुक्त रैली में उनके साथ गये दल (रालोद) अपनी जगह नहीं बना पा रहे हैं और उपेक्षित होकर अपमान का घूंट पीकर जी रहे हैं, यहाँ तक कि अपने प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित रैली तक में वो हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं, इससे ये साफ़ ज़ाहिर प्रतीत है कि भाजपा का गठबंधन अब उनके लिए ‘गाँठबंधन’ बन चुका है. अखिलेश ने कहा कि 24 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की बोहनी खराब हो जाएगी क्योंकि प्रदेश में चुनाव वेस्ट यूपी से ही शुरू हो रहा है और इंडिया गठबंधन के के आगे NDA हथियार डाल चुका है।