प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका पर एलन मस्क से भी मुलाकात की थी। इसके कुछ दिनों बाद ही टेस्ला ने भारत में आने की अपनी गतिविधियां तेज कर दी और अब यह पुष्टि हो गई है कि अप्रैल में वह यहां टेस्ला कारों की बिक्री शुरू करेगी। टेस्ला की भारत आने की कोशिशों को पहले तो एक नार्मल बात समझी गयी लेकिन इस बीच खबर आई है कि दुनिया के कई देशों में टेस्ला की बिक्री में गिरावट आई है, इसके बाद सवाल उठने लगे कहीं टेस्ला के भारत आने की बेताबी इसीलिए तो नहीं है?
जानकारी के मुताबिक दुनिया की टॉप इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में से एक टेस्ला की मौजूदगी अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन, चीन और जापान जैसे देशों में है लेकिन अब यहां इसकी बिक्री में गिरावट देखी जा रही है। टेस्ला को नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, ब्रिटेन और लिकटेंस्टीन जैसे यूरोपियन देशों में संकट का सामना करना पड़ रहा है। जनवरी 2025 के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल के मुकाबले यूरोप में कंपनी की बिक्री में 50.3 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं अगर यूरोप के साथ ब्रिटेन और नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन जैसे देशों के बिक्री आंकड़ों को भी जोड़ दिया जाए तो बिक्री में गिरावट का स्तर 45.2 फीसदी है।
टेस्ला के सबसे बड़े बाजार चीन पर नजर डालें तो जनवरी 2025 में इसकी बिक्री में 11.5 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी ने 63,238 यूनिट्स बेची हैं, जबकि जनवरी 2024 में यह आंकड़ा 71,447 यूनिट्स का था। वहीं, इस दौरान चीनी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों की बिक्री जोरदार रही है। चीनी ईवी कंपनियों ने यूरोप में 22,994 यूनिट्स की जोरदार बिक्री की है। वहीं, चीन में BYD ऑटो की बिक्री में सालाना आधार पर 47.47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
टेस्ला अब भारत आ रही है। भारत इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक नया और उभरता हुआ बाजार है। हाल ही में भारत सरकार ने नई ईवी पॉलिसी भी बनाई है, जो एलन मस्क की भारत आने की चिंता को दूर करती है। भारत में फैक्ट्री लगाने से पहले एलन मस्क कम आयात शुल्क पर टेस्ला कारों को भारत लाकर बाजार को परखना चाहते थे। अब सरकार द्वारा बनाई गई नई ईवी नीति में विदेश से लाई जाने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क को मौजूदा 70-110 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।