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Sahara Group Investor: सहारा समूह में लगा निवेशकों का पैसा ब्याज सहित होगा वापस

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sahara group investor: सहारा ग्रुप में पैसा लगाने वाले निवेशकों के लिए राहत की खबर है। सहारा ग्रुप में पैसा लगाने वाले निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित वापस मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में निर्देश दिया है कि सहारा-सेबी रिफंड खाते से पांच हजार करोड़ रुपए केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को हस्तांतरित कर दिया जाए। यह पैसा सुरक्षित प्रणाली के माध्यम से जमाकर्ताओं को ब्याज सहित दे दिया जाए।

केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय से मिलेगा पैसा वापस

यूपी और उत्तराखंड सहित देशभर में सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों में निवेशकों ने पैसा लगाया था। इसके लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से अब निवेशकों को उनका जमा पैसा ब्याज सहित वापस मिलेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्र के स्तर पर इसके लिए पोर्टल बनाया गया है।

जिसके माध्यम से जमाकर्ता जमा राशि को वापस पाने के लिए ऑनलाइन दावा करेगे। नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT) की ओर से आयोजित एक कार्यशाला में सहकारिता मंत्रालय के उपसचिव अनिल कुमार सिंह ने यह जानकारी दी है। जिसमें उन्होंने बताया कि सहारा ग्रुप ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड) में जमा राशि भुगतान नहीं करने के संबंध में शिकायतें मिलीं थीं।

भुगतान के निर्देश

इसके बाद केंद्रीय रजिस्ट्रार ने सहकारी समितियों के सहारा समूह की सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान समितियों को निवेशकों की शिकायत समस्या का समाधान और जमाकर्ताओं का भुगतान करने का निर्देश दिए थे। जब सोसाइटियों से संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इस पर केंद्रीय रजिस्ट्रार ने सोसाइटियों को नए डिपॉजिट लेने और मौजूदा डिपॉजिट नवीनीकरण करने पर रोक लगा दी।

इन सोसाइटियों ने केंद्रीय रजिस्ट्रार के आदेश को दिल्ली और तेलंगाना हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने केंद्रीय रजिस्ट्रार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। 29 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर निर्देश दिए। जिसमें कहा गया कि सहारा-सेबी रिफंड खाते से पांच हजार करोड़ रुपए केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को ट्रांसफर किए जाएंगे। यह पैसा सुरक्षित प्रणाली के माध्यम से सहारा के निवेशकों को दिया जाएगा।

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