कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता चुने जाने के बाद भारतवंशी ऋषि सुनक ने आज बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स से मुलाकात की. किंग चार्ल्स ने उन्हें ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया, बकिंघम पैलेस से औपचारिक रूप से पीएम पद पर नियुक्ति के बाद ऋषि सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे और देश के नाम अपना पहला सम्बोधन किया। अपने पहले ही सम्बोधन में देश की बदहाल इकोनॉमी की बात उठाई। ब्रिटैन के नए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है ऐसे में कड़े फैसले लेने की ज़रुरत है.
सुनक ने पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के 44 दिनों के कार्यकाल में हुई गलतियों को सुधारने की बात कही, हालाँकि ट्रस ने अपने अंतिम सम्बोधन में सुनक की तारीफ की और कहा कि देश में अच्छे दिन आने वाले हैं. सुनक ने कहा कि वह इसपर तुरंत काम शुरू करने जा रहे हैं, इससे पहले सुनक ने कहा था कि देश को आर्थिक संकट से निकालने के लिए वह दिन रात काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आर्थिक मामलों में वो जो भी काम करेंगे वो सहानुभूतिपूर्ण तरीके से करेंगे। शायद उनका मतलब बहुत ज़्यादा सख्ती न दिखाने से है. उन्होंने कहा इस मामले में सरकार की ईमानदार और जवाबदेह कोशिशें होंगी.
सुनक ने कहा कि एक मंत्री के तौर पर उन्होंने ‘फरलो’ जैसी योजनाओं के माध्यम से आम लोगों के व्यवसाय की रक्षा के लिए वह सब कुछ किया जो संभव था . उन्होंने कहा कि आज हम बहुत सी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, सुनक ने कहा कि वह अगली पीढ़ी पर यह कहने के लिए क़र्ज़ को नहीं छोड़ेंगे कि हम भुगतान करने में अक्षम थे.उन्होंने कहा कि वो देश को कथनी से नहीं, करनी से एकजुट करेंगे। सुनक ने कहा कि अगर हम हम एकजुट होकर काम करें तो अविश्वसनीय चीजें हासिल कर सकते हैं.
सुनक को सत्ता की कमान ऐसे समय मिली है जब देश की विकास गति बहुत धीमी है, लिज़ ट्रस की ऊर्जा मूल्य गारंटी योजना से बांड बाजार धराशायी है, पावर की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट घाटा जैसे मुद्दों से देश जूझ रहा है, ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता खतरे में है. उनके पास टैक्स की दरों को बढ़ाने और खर्च में कटौती करने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं हैं और यह फैसले ब्रिटेन के लोगों यकीनन पसंद नहीं आएंगे। तो ऋषि सुनक के लिए एक कड़ा इम्तेहान होने वाला है.