Scotland: भारतीय उच्चायुक्त को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा गुरुद्वारे में घुसने से रोकने की अब हर तरफ निंदा हो रही है।
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि तीन लोगों ने उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोका है। उच्चायुक्त की कार का दरवाजा खोलने की कोशिश की गई। उन्हें धमकाया और अपशब्द कहे गए हैं। मामला आगे न बढ़े, इसके लिए उच्चायुक्त व महावाणिज्यदूत वापस लौट गए हैं।
स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को गुरुद्वारे में जाने से रोकने के मामले में अब ग्लासगो गुरुद्वारे ने आपत्ति जताई है। ग्लासगो गुरुद्वारे ने घटना की निंदा की है। ग्लासगो कमेटी का कहना है कि यह अज्ञात व्यक्तियों द्वारा किया अनुचित व्यवहार है। गुरुद्वारा सभी समुदायों के लोगों के लिए खुला है।
जानिए क्या है पूरा मामला
खालिस्तानी समर्थकों के एक गुट ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को स्कॉटलैंड के गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोका था। सूत्रों के अनुसार, खालिस्तान समर्थकों को जानकारी लगी कि दोरईस्वामी ने अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारा में गुरुद्वारा समिति के साथ बैठक करने वाले थे। जब वे यहां पहुंचे तो कुछ लोगों ने कार को घेर लिया। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि तीन लोगों ने उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोका। उच्चायुक्त की कार का दरवाजा खोलने की कोशिश की गई। उन्हें धमकाया और अपशब्द कहे गए। मामला आगे न बढ़े, इसके लिए उच्चायुक्त व महावाणिज्यदूत वापस लौट गए। इसके चलते सिख समुदाय की समस्याएं को सुनने के लिए होने वाली बैठक नहीं हो सकी।
कमेटी ने बयान किया जारी
मामला तूल पकड़ा तो गुरुद्वारा कमेटी ने आज बयान जारी किया। बयान में गुरुद्वारे ने कहा कि सिख पूजा स्थल की शांतिपूर्ण कार्यवाही को बाधित करने के लिए गुरुद्वारा ऐसे व्यवहार की निंदा करता है। गुरुद्वारा सभी समुदायों के लिए खुला है। हम अपने सिद्धांतों के अनुसार सभी लोगों का खुले तौर पर स्वागत करते हैं।
भारत ने जताई आपत्ति
भारत ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की ओर से स्कॉटलैंड गुरुद्वारे में जाने से रोकने पर आपत्ति जताई है। भारत ने चरमपंथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा कड़ी करने को कहा। भारत ने ब्रिटेन के विदेश कार्यालय और पुलिस के समक्ष मुद्दे को उठाया है। सूत्रों के अनुसार, ब्रिटिश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है। यह घटना ऐसे समय में हुई, जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत-कनाडा के बीच विवाद चरम पर है।