नई दिल्ली। देश की सीमा पार कर चुका भरतनाटयम, कथक,ओडिसी जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की गूंज पड़ोसी देश चीन में भी गूंज रही है। इन भारतीय पारंगत शास्त्रीय नृत्यों में महान चीन कलाकार दिवंगत झांग जुन को उनके प्रशंसक आज चीन में अपने अंदाज से याद कर रहे हैं। झांगजुन ने शास्त्रीय नृत्यों के सम्राट बिरजू महाराज और उदय शंकर जैसे दिग्गजों से दीक्षा प्राप्त की थी।
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चीन में झांग जुन के 300 से अधिक प्रशंसकों की उपस्थिति में चीनी बिरजू महाराज के नाम से ख्यति प्राप्त शिष्यों-शिष्याओं ने नृत्यनाटिका प्रस्तुत कर अपने गुरु को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके कई शिष्य अब चीन में भारतीय शास्त्रीय नृत्यों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के सभागार में आयोजन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत और बैंक के अध्यक्ष जिन लिकुन मौजूद रहे।
झांग के बेटे हान शियाओ शिया ने बताया कि मां जब भारत से लौटतीं तो घर का माहौल अनोखी ऊर्जा से भरा रहता था। घर में पूरे दिन भर भारतीय शास्त्रीय संगीत बजता और मां उसकी ताल पर थिरकती रहतीं थीं।
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1933 में जन्मी झांग जुन का कैंसर की बीमारी से जूझते हुए सन 2012 में चल बसी थीं। उन्होंने 1950 से 1975 के बीच चीन में भरतनाट्यम, कथक और ओडिसी नृत्य सीखने के लिए भारत की यात्रा की। उनके प्रयासों से भारतीय शास्त्रीय नृत्य चीन में लोकप्रिय बने। जिनको आज खूब सराहा जा रहा है।