GeM Portal: जीईएम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीदारी के भुगतान में देरी होने पर एक प्रतिशत ब्याज देना होगा। ये नियम जुलाई 2023 से लागू होगा। ये जानकारी वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दी है। इस दौरान वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उम्मीद कि जीईएम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद इस 2023-24 के वित्त वर्ष में तीन लाख करोड़ रुपए पार हो जाएगी। वित्त वर्ष 2022-23 में दो लाख करोड़ से अधिक की खरीदारी जीईएम पोर्टल से हुई थी। बता दें जीईएम के पास 63,000 से अधिक government buyer organization और 62 लाख से अधिक विक्रेता और Service provider हैं।
सरकारी खरीद पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस जीईएम से खरीदारी करने पर सरकारी मंत्रालय और विभाग भुगतान में देरी करते हैं तो उन्हें अब ब्याज भरना होगा। यह नियम अब जुलाई 2023 से लागू हो जाएगा। बता दें कि वर्ष, 2020 में सरकार ने जीईएम पोर्टल पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं को भुगतान में देरी पर सरकारी विभागों और एजेंसियों पर एक प्रतिशत जुर्माना लगाने का फैसला किया था।
नौ अगस्त 2016 को हुआ र्था पोर्टल लॉंच
केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने नौ अगस्त, 2016 को जीईएम पोर्टल लॉंच किया था। ई-जीईएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीके सिंह ने बताया कि विशेषकर राज्य सरकारों से विक्रेताओं को भुगतान मिलने में देरी होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभागों से 10 से 15 दिन के अंदर भुगतान मिलता है। लेकिन राज्य सरकारें जिस सामान खरीदती हैं, उसका भुगतान अक्सर कई महीने देर से होता है। ऐसे में काफी परेशानी आती है।
सीआइआइ एमएसएमई ग्रोथ समिट में उन्होंने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं। और जुलाई के अंत तक दंडात्मक ब्याज लगाने की कार्यप्रणाली शुरू होगी और भुगतान में देरी पर ब्याज अक्टूबर 2023 से लिया जाएगा।
पोर्टल के जरिए दो लाख करोड़ से अधिक की खरीदारी
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उम्मीद की है कि जीईएम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद इस वित्त वर्ष 2023-24 में तीन लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगी। वर्ष 2022-23 में दो लाख करोड़ से अधिक की खरीदारी जीईएम पोर्टल से हुई थी। जीईएम के पास 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन, 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता कंपनियां हैं। वर्तमान में इस पोर्टल के माध्यम से ही सरकारी विभागों, मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, राज्य सरकारों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को लेनदेन करने की अनुमति है।