दिल्ली के प्रगति मैदान में आज से स्टार्टअप महाकुंभ 2024 शुरू हो गया है। यह महाकुंभ तीन दिन तक चलेगा। इस इवेंट में 20 से अधिक देशों के दो हजार से अधिक स्टार्टअप, एक हजार से अधिक निवेशक, 300 इनक्यूबेटर, तीन हजार सम्मेलन प्रतिनिधि, सभी भारतीय राज्यों के भावी उद्यमी, 50 से अधिक यूनिकॉर्न और 50 हजार से अधिक व्यवसायी शामिल हो सकते हैं।
जानकारों के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप इस साल 8 से 12 अरब डॉलर जुटा सकते हैं। देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में सबसे जीवंत है। लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर की निजी पूंजी बिना निवेश के पड़ी है और वह भारत में निजी फर्मों और स्टार्टअप में निवेश के लिए कमिटेड हैं। साल 2021 से पहले भारतीय स्टार्टअप में निवेश की राशि लगभग 8-10 अरब डॉलर थी, जो 2021 और 2022 में संयुक्त रूप से बढ़कर 60 अरब डॉलर हो गई। पिछले साल यह सात अरब डॉलर थी.
जानकारों के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए हर साल 10 अरब डॉलर या लगभग 80,000 करोड़ रुपये की फंडिंग पर्याप्त है। आज भारत में करीब 20 स्टार्टअप हैं, जो शेयर बाजार में लिस्टेड हैं और अगले 7-8 वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 100 तक पहुंचने की उम्मीद है।
स्टार्टअप दरअसल वह यूनिट होती है जिसका रजिस्ट्रेशन पीरियड 5 साल से ज्यादा न हुआ हो। नया बिजनेस होने के साथ ही सालाना कारोबार किसी भी वित्त वर्ष में 25 करोड़ रुपये से ज्यादा न हुआ हो।