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Share market: इजराइल-हमास युद्ध और कतर की घटना से सहमे निवेशक, 20,300 करोड़ का नुकसान

Indian stock market

Indian Share Market: डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने 27 अक्टूबर तक इजराइल-हमास के बीच युद्ध जारी है। कतर में भारतीयों को मौत की सजा सुनाई है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इन सभी अंतराष्ट्रीय घटना का असर भारत के शेयर बाजार पर दिखा है।

शेयर बाजार में निवेशकों के मन में डर का माहौल

अंतराष्ट्रीय घटनाओं के चलते शेयर बाजार में निवेशकों के मन में डर का माहौल है। खासकर विदेशी शेयर निवेशकों के बीच। इन अंतराष्ट्रीय घटनाओं के कारण विदेशी निवेशकों नें भारतीय शेयर बाजार से 20,300 करोड़ रुपए निकाले है। अंतराष्ट्रीय घटनाओं के चलते अक्टूबर में भारतीय बाजार में बिकवाली हावी रही है।

क्रेविंग अल्फा के स्मॉलकेस प्रबंधक मयंक के अनुसार आगे चलकर एफपीआई के निवेश का प्रवाह फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों तथा वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों पर निर्भर रहेगा। साथ ही शॉर्ट टर्म में गल्बोल लेबल पर अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण एफपीआई सतर्क रुख अपनाएंगे। हालांकि, भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि शेयरों और बॉन्ड में विदेशी निवेशकों लिए आकर्षण बनी है।

सितंबर में हुई थी बिकवाली

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने 27 अक्टूबर तक एफपीआई ने 20,356 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इससे पहले सितंबर के महीने में विदेशी निवेशकों मे बिकवाली की थी। सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 14,767 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। विदेशी निवेशक मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान भारतीय बाजार में पैसा डाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था।

इजराइल-हमास युद्ध का बाजार पर दिख रहा असर

शेयर बाजा के जानकार के मुताबिक अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में भारी बढ़ोतरी इस हफ्ते एफपीआई की निकासी की प्रमुख वजह रही। इसी के साथ इजराइल हमास युद्ध और उसके बाद कतर की घटना ने शेयर बाजार पर असर डाला है। 16 साल में पहली बार 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल पांच फीसद के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया। इस वजह से एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना ध्यान हटाकर अधिक सुरक्षित विकल्प अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश कर रहे हैं।

जानकारों की माने तो इजराइल-हमास युद्ध के कारण शेयर बाजार में नकारात्मक धारणा बनी है। इसके साथ इस साल अब तक शेयरों में एफपीआई का निवेश एक लाख करोड़ रुपए रहा है। बॉन्ड बाजार में निवेश 35,200 करोड़ रुपए से अधिक हो गया। जानकारों के अनुसार विदेशी निवेशक मुख्य रूप से वित्तीय और सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली कर रहे हैं।

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