अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ योजनाओं की शुरूआत के कारण 10 फरवरी को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.9563 पर पहुंच गया, जो एक नया रिकॉर्ड निचला स्तर है। स्थानीय मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.9175 पर खुली, जो पिछले कारोबारी सत्र में ग्रीनबैक के मुकाबले 87.4275 से काफी कम थी। बता दें कि रूपये के रोज़ ब रोज़ और नीचे गिरने से RBI के नए गवर्नर को कोई चिंता नहीं है, उनके मुताबिक रूपये की चाल बाजार तय करता है. 2013 में जब रूपये में थोड़ी सी भी गिरावट आती थी तब आज के प्रधानमंत्री उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सवाल करते थे कि आखिर क्या वजह है कि रुपया दिन ब दिन पतला होता जा रहा है.
9 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह स्टील और एल्युमीनियम के सभी आयातों पर 25% टैरिफ की घोषणा करेंगे। ट्रंप ने रविवार को एयर फोर्स वन पर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि टैरिफ सभी देशों से धातु आयात पर लागू होंगे। उन्होंने यह नहीं बताया कि शुल्क कब से लागू होंगे।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह इस सप्ताह के अंत में उन देशों पर पारस्परिक टैरिफ की घोषणा करेंगे जो अमेरिकी आयातों पर कर लगाते हैं। ट्रंप ने कहा कि वे टैरिफ घोषणा के उसी दिन लागू नहीं होंगे, जो मंगलवार या बुधवार को हो सकता है, लेकिन इसके तुरंत बाद लागू होंगे।
इससे शुरुआती कारोबार में डॉलर इंडेक्स बढ़कर 108.336 पर पहुंच गया, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 108.040 पर था। 7 फरवरी को स्थानीय मुद्रा को राहत मिली और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति निर्णय में अपेक्षा से अधिक नरम रुख नहीं अपनाने के बाद इसमें कम तेजी आई।