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1991 के बाद सबसे बुरे दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था: IMF रिपोर्ट


1991 के बाद सबसे बुरे दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था: IMF रिपोर्ट

कोरोना महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को जो झटका लगा है, अभी उससे उबरने में कुछ समय लग सकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के हालिया इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक यही तस्वीर सामने आ रही है. IMF की इस रिपोर्ट के मुताबिक इस कैलेंडर ईयर 2020 (जनवरी से दिसंबर) में भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी गिरकर बांग्लादेश से भी नीचे पहुंच जाएगी. यह लॉकडाउन के बुरे प्रभाव के कारण होगा.

बांग्लादेश की बढ़ेगी GDP
IMF की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की Per Capita GDP में इस साल में 10.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है जबकि बांग्लादेश में इस आंकड़े में गिरावट नहीं होगी. आईएमएफ का मानना है कि बांग्लादेश में इस साल प्रति व्यक्ति जीडीपी में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. कुछ समय पहल तक भारत बांग्लादेश से पर कैपिट जीडीपी के मामले में आगे था लेकिन बांग्लादेश के बढ़ते निर्यात ने दोनों देश के बढ़ते गैप को कम किया.

भारत से पीछे सिर्फ पाकिस्तान और नेपाल रह जाएंगे
आइएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक अगर इस बार अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन रहता है कि भारत से पीछे सिर्फ पाकिस्तान और नेपाल रह जाएंगे. इसके अतिरिक्त दक्षिण एशिया के अन्य देश भूटान, श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश भारत से आगे रहेंगे. आइएमएफ का प्रोजेक्शन आरबीआई द्वारा किए गए प्रोजेक्शन से भी बुरा है. आरबीआई ने इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 9.5 फीसदी सिकुड़न की आशंका जताई है. इसके अलावा विश्व बैंक ने भी इस वित्त वर्ष में 9.6 फीसदी गिरावट की आशंका जताई है. विश्व बैंक ने भारत में स्थिति को अब तक की सबसे खराब स्थिति कहा है. आइएमएफ के मुताबिक 1990-91 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रही है.

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