रिश्तों में आई खटास के बीच भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को एक-दूसरे की हिरासत में मौजूद परमाणु प्रतिष्ठानों, नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूचियों का आदान-प्रदान किया। सूचियों का आदान-प्रदान दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ किया गया।
भारत और पाकिस्तान प्रत्येक कैलेंडर वर्ष की पहली जनवरी को समझौते के अंतर्गत आने वाले परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में एक-दूसरे को सूचित करेंगे। एक-दूसरे की हिरासत में मौजूद नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूचियां द्विपक्षीय काउंसलर एक्सेस समझौते 2008 के प्रावधानों के अंतर्गत आती हैं। ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को किया जाता है।
भारत ने अपनी हिरासत में 381 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जो पाकिस्तानी हैं या जिन्हें पाकिस्तानी माना जाता है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नावों तथा लापता भारतीय रक्षा कर्मियों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का आह्वान किया है।
पाकिस्तान से उन 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने के लिए कहा गया है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। इसके अलावा, इस्लामाबाद से पाकिस्तान की हिरासत में 18 नागरिक कैदियों और मछुआरों को तत्काल कांसुलर पहुंच प्रदान करने के लिए कहा गया है, जिन्हें भारतीय माना जाता है और जिन्हें अब तक कांसुलर पहुंच प्रदान नहीं की गई है। इस संदर्भ में, भारत ने पाकिस्तान से भारत की हिरासत में मौजूद 76 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और मछुआरों की राष्ट्रीयता सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है, जिनका प्रत्यावर्तन पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि के अभाव में लंबित है।