नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों के मामले में भारतीय अमेरिका में दूसरे स्थान पर हैं साथ ही अमेरिका में अवैध रूप से रहने के मामले में भी ज़्यादा पीछे नहीं हैं। 2019-22 की अवधि के लिए प्यू रिसर्च द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अमेरिका में अनधिकृत अप्रवासियों का तीसरा सबसे बड़ा समूह भारतीय थे।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो चार साल बाद 20 जनवरी को व्हाइट हाउस लौटे हैं, ने बिना दस्तावेज वाले अप्रवासियों पर नकेल कसने का आदेश दिया है। जबकि मेक्सिको, जिसकी आबादी 4 मिलियन से अधिक है, में अनधिकृत अप्रवासियों का एक तिहाई से अधिक हिस्सा है, भारत, जिसकी आबादी 725,000 है, में 6.6 प्रतिशत हिस्सा है।
जुलाई 2024 में जारी प्यू अध्ययन में कहा गया है कि ब्राज़ील, कनाडा, कोलंबिया, इक्वाडोर, भारत और पूर्व सोवियत संघ के देशों में 2019 से 2022 तक वृद्धि देखी गई है। अमेरिका में रहने वाले एशियाई मूल के 1.7 मिलियन अवैध व्यक्तियों में से लगभग आधे भारतीय थे। विश्लेषण से पता चलता है कि ओबामा के कार्यकाल के दौरान औसतन 340 भारतीयों को निकाला गया। डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल (2017-21) के दौरान यह संख्या बढ़कर 1,250 प्रति वर्ष हो गई। ट्रम्प ने जो बिडेन की तुलना में दोगुने से अधिक भारतीयों को निकाला। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका ने वापस घर भेजे जाने के लिए लगभग 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है। विदेश मंत्री एस जयशंकर, जो ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए वाशिंगटन में थे, ने कहा कि भारत हमेशा से ही अवैध भारतीयों की “वैध वापसी” के लिए खुला रहा है।