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खुलासाः देश में आत्महत्या के आंकड़ों में वृद्धि, 2021 में सर्वाधित लोगों किया सुसाइट

नई दिल्ली। देश में आत्महत्या से हुई मौत को लेकर चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इन चौंकान वाले आंकड़ों से सभी हैरान हैं। एनसीआरबी के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2021 में प्रति 10 लाख लोगों में 120 लोगों ने आत्महत्या की है। जो कि पिछले साल की तुलना में 6ः1 प्रतिशत अधिक बढ़ गई है। मौत के ये आंकड़े पिछले सभी साल में सबसे अधिक बताए जा रहे हैं। आत्महत्या के इन मामलों में सबसे तेज वृद्धि छात्रों और छोटे व्यापारियों में देखी गई है। जो रिपोर्ट के 2020 संस्करण में देखी गई थी। ये निष्कर्ष देश में दुर्घटना से होने वाली मौतों और आत्महत्याओं ‘एडीएसआई’ और भारत में अपराध ‘सीआईआई’ की 2021 की रिपोर्ट से पता चलता है। दोनों को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत एनसीआरबी द्वारा प्रकाशित किया था। 

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दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2021 में आत्महत्या से कुल 164033 लोगों की जान गई जो कि 2020 की तुलना में 7ः2 अधिक है। वहीं साल 2020 में आत्महत्या से 153052 लोगों की जान गई थी। जबकि 2019 में यह आंकड़ा करीब 139000 पर था। इसके अलावा प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 120 मौतें आत्महत्या से हुईं थीं। 2021 में 1967 में आत्महत्या से होने वाली मौतों से उच्चतम दर देखी गई। देश में आत्महत्या की दूसरी सबसे बड़ी दर इससे पहले 2010 में दर्ज की गई थी। जब प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 113 लोगों ने आत्महतया की थी। आंकड़ों से यह पता चलता है। सबसे कम आय वर्ग ‘प्रति वर्ष ₹1 लाख से कम आय वाले लोग’ जो आत्महत्या से होने वाली मौतों का लगभग दो-तिहाई हिस्सा हैं और यह सबसे अधिक बताया जाता हैं।

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