तौक़ीर सिद्दीक़ी
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से शुरू हो रही है, पाकिस्तान को 6 देशों की मेज़बानी करनी है क्योंकि भारत के सारे मैच दुबई में खेलना है लेकिन पिछले दिनों पाकिस्तान के आयोजन स्थलों, लाहौर, कराची और रावलपिंडी स्टेडियमों की जो तस्वीरें सामने आयी हैं उसनसे एक बड़ा सवाल ये खड़ा हुआ है कि क्या ये टीमों स्टेडियम समय पर मैच के आयोजन के लायक हो पाएंगे या नहीं। बता दें कि आईसीसी ने पीसीबी को स्टेडियम पूरी तरह से तैयार करने के लिए 25 जनवरी की समय सीमा दी थी. अब जो तस्वीरें सामने आयी हैं वो ये बता रही हैं कि समय सीमा के अंदर इतना काम पूरा होना अगर असंभव नहीं तो मुश्किल और बहुत मुश्किल ज़रूर है।
जानकारी के मुताबिक तस्वीरों के आने के बाद कल भारत के एक बड़े अंग्रेजी मीडिया हाउस ने एक बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ चलाते हुए कहा था कि चैंपियंस ट्रॉफी पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है और इस खतरे के सबूत में उसने लाहौर और कराची स्टेडियम की कुछ तस्वीरें पेश की थी और कहा था कि आईसीसी का एक प्रतिनिधि मंडल अगले हफ्ते पाकिस्तान का दौरा करेगा लेकिन आईसीसी की टीम अगले हफते नहीं बल्कि इस वक्त पाकिस्तान में मौजूद है, आज उसने लाहौर स्टेडियम का दौरा किया और वहां की तैयारियों का जायज़ा लिया, इसके बाद ये टीम कराची जाएगी और फिर रावलपिंडी का दौरा करेगी। मतलब अभी आईसीसी की टीम चार दिन पाकिस्तान में ही रहेगी, इसके बाद ही पता चलेगा कि तैयारियों के सिलसिले में उसकी क्या रिपोर्ट है.
उधर पीसीबी का दावा है कि सबकुछ समय पर पूरा हो जायेगा और उन ख़बरों को भी बेबुनियाद बताया कि चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान से बाहर जा सकती है. अपनी दावे के पुष्टि करने के लिए पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज के टेस्ट दौरे के बाद होने वाली पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका और न्यूज़ीलैण्ड के बीच होने वाली त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रंखला के दो मैच लाहौर और कराची में कराने का फैसला किया है, पहले यह मैच मुल्तान में होने थे लेकिन दो दिन पहले जब लाहौर और कराची के निर्माणाधीन स्टेडियम की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, उसके बाद पीसीबी ने दो मैचों के वेन्यू को बदलने का फैसला किया। पीसीबी यह दिखाना चाहता है कि लाहौर और कराची के स्टेडियम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पूरी तरह तैयार हैं और यहाँ पर मैचों के आयोजन में कोई समस्या नहीं है.
जानकारी के मुताबिक लाहौर में पूरी तरह से निर्माण कार्य हो रहा है, जबकि कराची में उतना काम नहीं है और उसे समय पर पूरा कर लिया जायेगा, वहीँ रावलपिंडी में रेनोवेशन का काम चल रहा, वहां भी लाहौर जैसे हालात नहीं है. लाहौर में तो एक पूरा चार मंज़िला स्टैंड बनाया जा रहा है जिसकी दो मंज़िलों का निर्माण तो हो चूका है लेकिन बाकी काम अधूरा है. खबर है कि पीसीबी अभी सिर्फ दो मंज़िल का ही काम पूरा करके बाकी दो मंज़िलों का काम छोड़ देगी क्योंकि इतने कम समय में निर्माण कार्य मुश्किल है. इसके अलावा अभी नए स्टैंड में सीटों का लगना भी बाकी है. फ्लड लाइट का भी काम अधूरा पड़ा है, इसके अलावा ड्रेसिंग रूम और लॉबी में बहुत काम बाकी है, जिसको इतने कम समय में पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा।
बता दें कि लाहौर गद्दाफी स्टेडियम की क्षमता बढ़ाकर 35,000 दर्शक कर दी गई है और पूरे स्टेडियम में नई सीटें लगाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, प्रसारण की गुणवत्ता में सुधार के लिए 480 आधुनिक एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। स्टेडियम में आने वाले दर्शकों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए अगले सप्ताह दो बड़ी डिजिटल रिप्ले स्क्रीन लगाई जाएंगी। इसके अलावा खिलाड़ियों और आयोजन से जुड़े अधिकारीयों के लिए एक नया परिसर भी बनाया गया है जो 25 जनवरी तक पूरी तरह से चालू हो जाने का दावा पीसीबी कर रही है. वहीँ कराची के नेशनल बैंक स्टेडियम में यूनिवर्सिटी एंड पर खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिए एक नया गेस्ट रूम बनाया जा रहा है साथ ही बेहतर कवरेज सुनिश्चित करने के लिए 350 एलईडी लाइटें लगाई गई हैं, दो डिजिटल रिप्ले स्क्रीन स्थापित किये जा चुके हैं और दर्शकों की सुविधा के लिए 5,000 नई कुर्सियाँ लगाई गई हैं। वहीँ रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में छोटे-मोटे सुधार किए जा रहे हैं, जिसमें 10,000 नई सीटें लगाना, हॉस्पिटैलिटी बॉक्स का अपग्रेडेशन और दो डिजिटल रीप्ले स्क्रीन शामिल हैं।
पीसीबी के अधूरे कामों की बात सिर्फ भारतीय मीडिया ही नहीं बल्कि पाकिस्तानी मीडिया भी कर रहा है और वहां के टीवी चैनलों पर गरमागरम बहसें भी चल रही हैं. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर पीसीबी के इस ढीले वाले रवैये से बहुत नाराज़ हैं. जो तस्वीरें आयी हैं उनसे तो पीसीबी के दावे सही नहीं बैठ रहे हैं लेकिन यह भी हो सकता है कि ये तस्वीरें अभी की न होकर कुछ समय पहले पहले की हों क्योंकि ये तस्वीरें किसी आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर जारी नहीं हुई हैं. पाकिस्तान में क्रिकेट पर पॉलिटिक्स वैसे भी बहुत हावी रहती है इसलिए इन तस्वीरों को प्लांट तस्वीरें भी कहा जा सकता है. वैसे पाकिस्तान को अच्छी तरह मालूम है कि उसके हाथ से चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी जाते जाते बची है ऐसे में वो आईसीसी को ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहेगी क्योंकि उसे भी मालूम है कि उसके पास आयोजन को लेकर विकल्प हमेशा मौजूद रहता है. बहरहाल धुंआ वहीँ से उठता है जहाँ पर आग दबी हुई हो. हो सकता है कि तस्वीरों में उतनी सच्चाई न हो लेकिन जहाँ तक लाहौर की बात तो है तो उसमें ज़रूर सच्चाई है क्योंकि इतना बड़ा निर्माण कार्य इतनी जल्दी नहीं पूरा किया जा सकता। पाकिस्तान को आगे भी ICC टूर्नामेंट के आयोजन करने हैं इसलिए वो पूरे घोड़े खोल देगी कि सबकुछ सही से और समय पर हो, फिलहाल तो आईसीसी टीम की रिपोर्ट पर सबकी नज़र रहेगी।