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IMF ने भारत की आर्थिक शक्ति का लोहा माना

IMF acknowledged India's economic strength

भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी लोहा माना है. अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने कहा है कि बुनियादी ढांचे और डिजिटलीकरण के कारण भारत का वैश्विक विकास में योगदान 16 प्रतिशत से अधिक हो सकता है जो उसे एक वर्ल्ड स्टार परफॉर्मर बनाता है। आईएमएफ के नाडा चौएरी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि IMF महसूस कर रहा है कि भारत अन्य देशों की तुलना में तेज रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है जो इसे स्टार परफॉर्मर बनाता है। IMF का वर्तमान अनुमान है कि भारत की वृद्धि दुनिया की जीडीपी में 16 प्रतिशत का योगदान देगी।

IMF अधिकारी ने कहा कि डिजिटलीकरण के कारण भारत की वृद्धि और उत्पादक क्षमता को अधिक समर्थन मिल रहा है साथ ही भारत सरकार लॉजिस्टिक्स और इंफ्रा सेक्टर को लेकर नीतियों में बड़े बदलाव कर रही है. उउन्होंने आगे कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 फीसदी और इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 में 9.1 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ हासिल की थी. भारत की मजबूत घरेलू मांग और उच्च सरकारी पूंजीगत व्यय से विकास को समर्थन मिल रहा है।

IMF अधिकारी ने आगे कहा कि भविष्य की विकास वृद्धि के लिए राजनीतिक स्थिरता और निरंतर निवेश जरूरी है. मगर ग्रोथ पर इसका कितना असर होगा इसका विश्लेषण अभी नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि राजनीति की व्यापारिक नीति में भी पारदर्शिता की बहुत आवश्यकता है। टैक्स प्रणाली को सरल बनाने से निवेश और विकास को समर्थन मिलेगा। भारत की राजनीतिक स्थिरता को हालिया के विधानसभा चुनावों के नतीजों से बल मिला है क्योंकि पांच में से तीन मुख्य राज्यों में केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को जीत मिली है, नतीजों के बाद बाज़ार में भी उसका असर दिखाई दे रहा है और शेयर बाज़ार तेज़ी के मोड में है.

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