मार्च का महीना टैक्स payers के लिए सबसे अहम है क्योंकि चालू वित्त वर्ष खत्म होने में करीब एक महीना बाकी है. टैक्स बचाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं, ऐसे में अगर आपसे कहा जाए कि अगर आपकी आय 10 लाख रुपये है तो आपको शून्य टैक्स देना होगा, तो आप हैरान रह जाएंगे, लेकिन अगर आप ठीक से योजना बनाएं तो ऐसा हो सकता है। यहां हम आपको बताएंगे कि 10 लाख रुपये की आय पर जीरो टैक्स कैसे लगाया जाए। इससे पहले हम आपको बता दें कि पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 5 लाख रुपये तक और नई टैक्स व्यवस्था के तहत 7.50 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त है।
सरकार द्वारा दी जाने वाली टैक्स छूट पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत दी जाती है। इनके इस्तेमाल से आप 10 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर सकते हैं. स्टैंडर्ड डिडक्शन के जरिए आप 50,000 रुपये की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. आपकी टैक्सेबल इनकम 9.50 लाख रुपये रह गई. ईपीएफ, पीपीएफ, ईएलएसएस और एनएससी जैसी योजनाओं में निवेश करके धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं। अब 8 लाख रुपये की आय पर टैक्स बना. एनपीएस में निवेश करने पर आप धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। अब टैक्स वाली आय 7.5 लाख रुपये रह गई. इनकम टैक्स सेक्शन 24B के तहत होम लोन पर 2 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है. अब आय घटकर 5.5 लाख रुपये रह गई है. इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत आप अपने परिवार का मेडिकल इंश्योरेंस लेने पर 25,000 रुपये तक और अपने माता-पिता का हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं. अब आपकी आय 500,000 लाख रुपये पहुंच गई है और पुरानी टैक्स व्यवस्था में धारा 87ए की छूट के कारण 5 लाख रुपये की आय कर मुक्त है।
वहीं अगर आप नई टैक्स व्यवस्था चुनते हैं तो आपको पुरानी टैक्स व्यवस्था में मिलने वाली धारा 80सी जैसी छूट का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में अगर आय 10 लाख रुपये तक है तो टैक्स बचत के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था ही उपयुक्त मानी जाती है.