हिमाचल में प्रियंका की सूझबूझ से मुख्यमंत्री का मुद्दा तो सुलझ गया, शपथ ग्रहण भी हो गया, राज्य को पहला उपमुख्यमंत्री भी मिल गया लेकिन लगता है कि मंत्रिमंडल पर कुछ पेंच फंसा हुआ है और इस पेंच को सुलझाने की ज़िम्मेदारी राहुल गाँधी को मिली है. राहुल गाँधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा के साथ राजस्थान में हैं, अब जो खबर शिमला से आ रही हैं उनके मुताबिक राहुल गाँधी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ बाकी सभी जीते हुए विधायकों को अलवर तलब किया है.
राहुल का दोहरा मकसद
कहा जा रहा है कि राहुल गाँधी का हिमाचल के अपने मुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों का बुलाने का दोहरा मकसद है. पहला तो कैबिनेट गठन में अगर कोई समस्या आ रही है तो उसे वहीँ पर सुलझा लिया जायेगा दूसरे भारत जोड़ो यात्रा में इन सभी को शामिल कर देश में हिमाचल की जीत का एक सन्देश भी देना चाहते हैं, राहुल गाँधी बताना चाहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा का देशव्यापी असर हो रहा है भले ही यात्रा उस प्रदेश से होकर गुज़री हो या न गुज़री हो.
कैबिनेट में संतुलन बनाना आसान नहीं
वहीँ शपथ ग्रहण के बाद आज सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने विधायकों के साथ बैठक की, अभी यह नहीं पता चला है कि उस बैठक में कैबिनेट के गठन पर कोई चर्चा हुई या नहीं लेकिन कैबिनेट की घोषणा से पहले राहुल के बुलावे से एकबात तो साफ़ हो गयी है कि मंत्रिमंडल के गठन में राहुल गाँधी सभी गुटों के साथ समन्वय बनाना चाहते हैं.कैबिनेट में संतुलन बनाना काफी टेढ़ा काम है और उसकी वजह है कांगड़ा जिला जहाँ से इस बार कांग्रेस के 10 विधायक जीत कर आये हैं, वैसे भी हर सरकार में कांगड़ा ज़िले को प्राथमिकता मिलती रही है.