WHO On Monkeypox: मंकीपाक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषित किया वैश्विक आपातकाल

नई दिल्ली। मंकीपाक्स का प्रकोप विश्व के देशों में बढ़ता जा रहा है। अब तक दुनिया के 42 देशों में यह खतरनाक वायरस फैल चुका है। अभी तक इसके 3,417 मामले सामने आ चुके हैं। तेजी से फैल रहे मंकीपाक्स संक्रमण को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आज गुरुवार को आपातकालीन समिति की बैठक बुलाई। जिसमें मंकीपाक्स के प्रकोप को लेकर वैश्विक आपातकाल घोषित किये जाने पर विचार किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की तरफ से मंकीपाक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित करने का मतलब कि संयुक्त राष्ट्र की ये स्वास्थ्य एजेंसी इसको एक 'असाधारण घटना' मान रही है। इसके अन्य देशों में फैलने का खतरा भी बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ का ये ऐलान दुनिया को मंकीपाक्स के खिलाफ कोरोना संक्रमण और पोलियो उन्मूलन के लिए जारी प्रयासों के समान कदम उठाने के लिए पीड़ित देशों को प्रेरित करेगा।
स्वास्थ वैज्ञानिकों को इसमें संदेह है कि ऐसी घोषणा से इस पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी। मंकीपॉक्स प्रकोप से पीड़ित विकसित देश पहले से इस पर काबू पाने के लिए तेजी से प्रयास कर रहे हैं। पिछले सप्ताह डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस एडनाम घेब्रेयसस ने बताया था कि मंकीपॉक्स वायरस 40 से अधिक देशों में फैल गया है। गौर करने वाली बात यह है कि मध्य और अफ्रीका में दशकों तक मौजूद रहे मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप यूरोपीय देशों में अब देखा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क ने मंकीपाक्स संक्रमण के प्रकोप को महामारी घोषित कर दिया। विश्व स्वास्थ्य नेटवर्क, वैज्ञानिक और नागरिक टीमों का वैश्विक समूह है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस अब तक 58 देशों में संक्रमण फैला चुका है। वर्तमान में इसका प्रकोप तेजी से अन्य कई महाद्वीपों में भी फैल रहा है। भारत में इसको लेकर पहले से अलर्ट जारी किया गया है।