बीमारी छुपाने के चलते मरीज़ इलाज़ में कर रहे देरी, लापरवाही के चलते कोरोना निगल रहा प्राण, रिव्यू रिपोर्ट में खुलासा
चेतना अग्रवाल
मेरठ। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के साथ ही इलाज़ करवाने में देरी की कीमत मरीज़ को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है. जरा सी लापरवाही और कोरोना वायरस प्राण लील ले जा रहा है।कोविड-19 से होने वाली मौतों में मरीजों की लापरवाही ही सबसे बड़ा सबब बन रही हैं. चौंकाने वाला ये खुलासा मेडिकल कॉलेज की डेथ रिव्यू रिपोर्ट में हुआ है। एडमिट होने और जांच में देरी के चलते अधिकतर मरीजों का सफ़र मौत की दहलीज पर जाकर ख़त्म हो रहा है। मेडिकल कॉलेज के लेवल-3 अस्पताल में नवंबर में एडमिट हुए 43 मरीजों की मौत की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार एडमिशन में देरी बड़ी वजह निकलकर सामने आई है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि मरीज पहले बीमारी के प्रति गंभीर नहीं हो रहे हैं. समस्या बढऩे पर वह इलाज के लिए भागते हैं तब तक हालात बेहद नाजुक हो जाते हैं और तमाम कोशिशों के बाद भी मरीज़ स्टेबल नहीं हो पाता है.
ये है स्टडी रिपोर्ट
मेडिकल कॉलेज में नवंबर महीने में 43 मरीजों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई. इसमें 10 मरीज ऐसे मिले, जिन्होंने लक्षण आने के 5 दिन बाद भी एडिमट नहीं हुए, जबकि 16 मरीजों ने 3 से 4 दिन टेस्ट करवाने और एडमिट होने में लगाए. इसके बाद 17 मरीजों ने दो दिन तक लक्षणों को इग्नोर किया. इसके बाद उन्होंने टेस्ट करवाया और एडमिट हुए. ये सभी मरीज गंभीर दूसरी बीमारियों से भी जूझ रहे थे.
मंडल में सबसे आगे जिला, होगा रिव्यू
कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी जिले में भयावाह स्थिति में हैं. अब तक मेरठ में 351 मरीजों की मौत हो चुकी है. मंडल में 6 जिलों में होने वाली मौतों में ये सबसे अधिक आंकड़ा है. वहीं मेडिकल कॉलेज के एल-3 अस्पताल का हाल भी बेहाल है. यहां मेरठ समेत दूसरे जिलों में एडिमट मरीजों की रिकॉर्ड तोड़ मौत हो रही है. शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार हर दिन औसतन 1 से 4 यहां भी हो रही है.बढ़ते मौतों के आंकड़ों को रोकने के लिए जहां शासन ने कड़े निर्देश जारी किए हैं वहीं डॉक्टर्स की टीम भी डेथ ऑिडट करने में जुटी हुई है.
क्रिटिकल हालात बन रहे वजह
कोरोना वायरस संक्रमण के साथ ही मरीजों में दूसरी गंभीर बीमारियां मौतों की मुख्य वजह हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि वायरस की वजह से शरीर में मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर बनता है. वहीं हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक की वजह से भी मरीजों की जान जा रही है. इसके अलावा फेफड़ों की धमिनयां ब्लॉक होने की वजह से मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है. हाइपरटेंशन, बीपी होने की वजह से मरीज का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो जाता है. बॉडी में ऑक्सीजन लेवल मैंटेन नहीं हो पा रहा है और मरीज की मौत हो जा रही है. इसके अलावा मरीजों में शुगर, हार्ट, किडनी की बीमारी भी मौत की वजह बन रही है.
इनका है कहना
दूसरी बीमारियों के साथ ही मरीज का कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतना मौतों की बड़ी वजह बन रहा है. मरीजों में पहचान देर से हो रही है. एडमिट होने और स्पोर्टिव इलाज में देर होने की वजह से मरीज स्टेबल नहीं हो पाता है. गंभीर मरीजों को तत्काल लेवल-3 अस्पताल में एडिमट करने का प्रयास करना होगा.डा. ज्ञानेंद्र सिंह, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज