- कोरोना टीकाकरण के नाम पर ठगे जाने से बचें
- किसी भी फोन काॅल पर न दें गोपनीय जानकारी
- मोबाइल पर आये किसी भी लिंक पर न करें क्लिक
सुनील शर्मा
न्यूज डेस्क। भारत में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले ही ऑनलाइन ठगों द्वारा लोगों को विश्वास में लेकर उनसे गोपनीय जानकारी प्राप्त कर उनका बैंक खाता खाली कराने का अंदेशा सताने लगा है। सोशल मीडिया में भी इस संभावित ठगी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई पोस्ट की गई हैं।
ऐसे में लोगों को यह सावधानी बरतनी होगी की कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के नाम पर वह ठगे न जाएं। गौरतलब है कि तमाम सरकारी योजनाओं के नाम पर ऑनलाइन ठगों द्वारा लोगों को विश्वास में लेकर उनसे आधार कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट नंबर या एटीएम कार्ड का पिन नंबर आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ तो मिलता नहीं लेकिन उनका बैंक अकाउंट से पैसे जरूर गायब हो जाते हैं। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगोें से डिटेल मांग कर उनका अकाउंट खाली कर दिया गया।
कैसे ठगे जाते हैं लोग
ऑनलाइन ठग किसी भी प्रचलित योजना के बारे में जानकारी देकर लोगों को उसका लाभ दिलाने की बात कहकर उनको विश्वास लेते हैं। धीरे धीरे वह उनकी डिटेल्स लेना शुरू करते हैं। शुरू में डिटेल्स सामान्य होती हैं जैसे घर का पता, मोबाइल नंबर, परिवार में कितने सदस्य हैं आदि, जिनको व्यक्ति आसानी से बताता चला जाता है। बातों ही बातों में वह लोगों से उनकी बैंक डिटेल, एटीएम पिन नंबर, बैंक अकाउंट नंबर जैसी गोपनीय जानकारी भी हासिल कर लेते हैं। जैसे ही यह डिटेल्स उनके पास पहुंचती है बैंक खाता खाली होना शुरू हो जाता है। यह शातिर ठग डिटेल्स हासिल करने के लिये बेहद जल्दबाजी करते हैं और डिटेल न देने पर उनको योजना का लाभ न मिलने या उनका नुकसान होने की बात कर दबाव में लेते हैं। ऐसे में उनका शिकार आसानी से डिटेल देता चला जाता है।
पूर्व में भी कई प्रचलित सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगे जाने के मामले सामने आये हैं। वहीं लाॅटरी में पैसे निकलने का लालच देकर या बैंक अकाउंट बंद हो जाने की चेतवानी देकर ठगों द्वारा लोगों से गोपनीय जानकारी हासिल करने और उनके अकाउंट से पैसे निकाल लेने के अनेक मामले सामने आये हैं।
अब लिंक भी भेज रहे हैं ऑनलाइन ठग

ऐसे कई मामले सामने के बाद बढ़ी जागरूकता के कारण लोगों ने अब फोन पर अपना एटीएम पिन नंबर बताना बंद कर दिया है। ऐसे में ऑनलाइन ठगों ने एक नया रास्ता ढूंढ लिया है। वह सामान्य जानकारी लेने के बाद लोगों को उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी नंबर भेजते हैं और उसे बताने को बोलते हैं। जैसे ही व्यक्ति, ऑनलाइन ठग को अपने मोबाइल पर आए ओटीपी नंबर बताता है उसके बैंक अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। कई ऑनलाइन ठग लोगों के मोबाइल पर एक लिंक भेजकर उस पर क्लिक करने को बोलते हैं। ठग की बातों पर विश्वास करके लोग उस लिंक पर क्लिक करते हैं और नतीजा उनके बैंक अकाउंट से पैसे कट जाने के रूप में सामने आता है। बैंक खाते से पैसे निकलने के बाद ऑनलाइन ठग मोबाइल नंबर को बंद कर देते हैं। वैसे भी यह ऑनलाइन ठग किसी दूर राज्य में बैठकर इस ठगी को अंजाम देते हैं जिसके कारण उनको पकड़ पाना बेहद मुश्किल होता है।
बरतें सावधानी न दे जानकारी
ऑनलाइन ठगी के इस दौर में लोगों को खुद भी सावधान रहना जरूरी है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के पास कोरोना वैक्सीन लगाने या किसी भी सरकारी या गैरसरकारी योजना के नाम पर कोई फोन आए और वह गोपनीय जानकारी जैसे आपका आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट नंबर या एटीएम कार्ड का पिन नंबर मांगे तो भूले से भी यह जानकारी न दें। ध्यान रखें किसी भी सरकारी योजना में या सरकारी संस्थान द्वारा फोन पर गोपनीय जानकारी नहीं मांगी जाती। वहीं एटीएम का पिन नंबर पूर्णतया गोपनीय होता है तथा किसी भी सरकारी या गैरसरकारी योजना में इसका कोई भी इस्तेमाल नहीं होता। ऐसे में यदि आपके पास कोरोना वैक्सीनेशन के नाम पर किसी व्यक्ति का फोन आये तो उसे सिर्फ सामान्य जानकारी जैसे आपका नाम, आपका पता, आपकी उम्र, आपके परिवार में सदस्यों की संख्या आदि की ही जानकारी दें। गोपनीय जानकारियों को किसी से भी शेयर न करें वरना आप भी ऑनलाइन ठगों का शिकार होकर अपना बैंक अकाउंट खाली करवा बैठेंगे।