गुजरात चुनाव से कांग्रेस का हाथ झटककर भाजपा में जाने वाले हार्दिक पटेल को मांगने में विशवास नहीं है, भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने टिकट भी नहीं माँगा था और अब चुनाव जीतने और विरमगाम सीट से 10 साल बाद भाजपा को जिताने के बाद वो मंत्री पद मांगेंगे। यह बातें हार्दिक पटेल ने मंत्री बनने के एक सवाल के जवाब में कहीं, हार्दिक ने कहा कि उन्होंने भाजपा टिकट के लिए या मंत्री पद के लिए नहीं ज्वाइन की थी, उन्होंने तो क्षेत्र के लोगों की सही सेवा कर सकें इसके लिए बीजेपी का दामन पकड़ा था.
मंत्री बनाया जायेगा तो ज़रूर बनूँगा
हार्दिक ने पत्रकार के सवाल पर कहा कि वो मांगते नहीं, पार्टी अगर ज़िम्मेदारी देगी तो ज़रूर निभाएंगे। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी नहीं माँगा था मगर पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए कहा तो उसका पालन किया और कामयाबी हासिल की. विरमगाम से अपनी जीत का सेहरा हार्दिक ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ क्षेत्र की जनता को दिया। हार्दिक ने कहा कि पार्टी का घोषणा पत्र तो था ही लेकिन गुजरात चुनाव में मैं अकेला उम्मीदवार था अपने क्षेत्र के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी किया था.
हार्दिक ने जारी किया था अपना घोषणा पत्र
हार्दिक ने कहा पार्टी तो अपने घोषणा पत्र के वादे पूरे करेगी ही, हम भी अपने घोषणा पत्र के हिसाब से अपने क्षेत्र में काम कराएँगे। कांग्रेस के चुनाव में सफाये पर हार्दिक ने कहा कि वो गुजरात की अस्मिता के खिलाफ काम कर रही थी इसलिए उसका यह हाल हुआ. हार्दिक ने कहा आज का ज़्यादातर वोटर युवा, वो भी युवा हैं इसलिए उनके मन की बात को पढ़ सकते हैं.